नई दिल्ली: सत्ता के आगे नेता और विधायकों की दबंगाई की सुर्खियां अक्सर सामने आती है। कभी-कभी ये दबंगाई अपनी सीमा लांघकर गुंडागर्दी का रूप ले लेती है। ऐसा ही मामला हरिद्वार से सामने आया है। विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने अपनी पत्नी जिला पंचायत रानी देवयानी के साथ जिला पंचायत कार्यालय पहुंचकर अपर मुख्य अधिकारी आरकेएन त्रिपाठी को बंधक बना लिया और उनसे से जबरन बजट संबंधी नोट सीट पर हस्ताक्षर करवाए।भाजपा विधायक ने पंचायत कार्यालय में ऐसी दबंगई दिखाई कि वहां हड़कंप मच गया।
डीएम दीपक रावत की मिली शिकायत
मीडिया को मिली खबर के अनुसार लेखाधिकारी से चेक तैयार करवाए, लेकिन अपर मुख्य अधिकारी ने चेक पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। अपर मुख्य अधिकारी किसी तरह से वहां से निकल गए और सीधे जिलाधिकारी दीपक रावत के पास पहुंचकर पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। डीएम दीपक रावत ने विधायक के इस कदम को हाईकोर्ट की अवमानना करार दिया है। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी शासन को दी जाएगी।
बता दें कि गैरसैंण में चल रहे विधानसभा सत्र को बीच में छोड़कर शुक्रवार को भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपनी पत्नी जिला पंचायत सदस्य रानी देवयानी के साथ करीब तीन बजे जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे।
पहले से ही तैनात थी पुलिस
खबर के अनुसार विधायक ने जिला अपर मुख्य अधिकारी और निदेशक को सुबह ही फोन कर यहां आने की सूचना दे दी थी। इसको देखते हुए जिला पंचायत कार्यालय में पीएसी और पुलिस बल को तैनात कर दिया था। कार्यालय पहुंचकर विधायक प्रणव सिंह चैंपियन ने अपर मुख्य अधिकारी आरकेएन त्रिपाठी को बुलाकर बजट जारी कराने संबंधित निर्माण कार्य और सेलरी की फाइल मंगवाई। अपर मुख्य अधिकारी आरकेएन त्रिपाठी ने हाईकोर्ट का आदेश दिखाते हुए जिला पंचायत की समिति के अधिकार निरस्त होने की बात बताई। विधायक चैंपियन ने उनको धमकाते हुए कार्यों में बाधा न डालने को कहा। इस दौरान विधायक ने अपने निजी सुरक्षा कर्मियों से कार्यालय के दरवाजे बंद करवा दिए और अपर मुख्य अधिकारी को बजट संबंधी फाइल मंगवाई। इस दौरान चैंपियन ने संचालन समिति में सदस्य रहे मोहम्मद सत्तार और अमीलाल वाल्मीकि को भी बुला लिया। इस दौरान बजट संबंधी नोट सीट पर तीनों सदस्यों पर हस्ताक्षर किए और अपर मुख्य अधिकारी से भी हस्ताक्षर कराए।