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सोच हो तो ऐसी: बागेश्वर के बाद डीएम मंगेश ने रुद्रप्रयाग का दिल जीता


देश में प्रशासनिक अफसर को खूब कई आते है और चले जाते है। कुछ ऐसे होते है जो अपने काम से जिले और लोगों के दिल में हमेशा के लिए अमर हो जाते है। देवभूमि उत्तराखण्ड में देवता सामान डीएम मौजूद है। ऐसा हम नहीं जिले की आवाम बोल रही है। इन डीएम का नाम है मंगेश घिल्डियाल जो रुद्रप्रयाग  में तैनात है। उन्हें एक चैकिंग के दौरान स्कूल में अध्यापक ना होने की बात पता चली। उन्होंने उसका तुरंत निजात निकालते हुए पत्नी ऊषा घिल्डियाल से स्कूल में किसी शिक्षक की तैनाती होने तक पढ़ाने को कहा, पत्नी भी मान गईं । मामला रुद्रप्रयाग के राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज का है जहां डीएम की पत्नी स्कूल में साइंस पढ़ा रही है। डीएम मंगेश की पत्नी ऊषा घिल्डियाल ने खुद पंतनगर यूनिवर्सिटी से प्लांट पैथलॉजी में पीएचडी किया है।

डीएम मंगेश ने बताया कि रूटीन चेक पर जीजीआईसी गया हुआ था, वहां जाने पर पता चला कि छात्राओं को पढ़ाने के लिए कॉलेज में साइंस के टीचर नहीं हैं। मैंने पत्नी से बात की और चूंकि इन दिनों वह घर पर ही हैं, तो वह भी तैयार हो गईं। कॉलेज के प्रिंसिपल से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने हामी भर दी। मंगेश ने बताया कि शासन स्तर पर टीचर की भर्ती की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। तब तक मेरी पत्नी अपनी सेवाएं दे देंगी। 2011 बैच के IAS अफसर मंगेश ने UPSC की परीक्षा में पूरे देश में चौथी रैंक हासिल की थी। मंगेश ने हमेशा ही अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। मई में जब उनका बागेश्वर जिले से ट्रांसफर हो रहा था, तो वहां के लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए और जगह-जगह भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे।

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