देहरादून: राजधानी से देश की राजधानी दिल्ली का सफर पहले से आसान और मधुर होने वाला है। हाईवे पर अब एलिवेटेड रोड का निर्माण होने वाला है। यह निर्माण 16 किलोमीटर के दायरे में होगा। यानी बस में सफर करने वाले यात्री प्रदूषण से दूर हरियाणी के बीच अपना सफर पूरा करेंगे। बता दें कि पहले राजमार्ग के चौड़ीकरण पर विचार चल रहा था लेकिन वन्यजीव विशेषज्ञ इसके खिलाफ थे।
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इसके बाद यहां पर एलिवेटेड रोड बनाने का फैसला किया गया और इसके लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने भी झंडी दे दी है। जानकारी के मुताबिक मोहंड से गणेशपुर तक के 16 किलोमीटर हिस्से पर राजमार्ग चौड़ीकरण की जगह एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। कुछ दिन पूर्व केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई, जिसमें राज्यों के वन विभागों ने हिस्सा लिया। देहरादून से दिल्ली एलिवेटेड रोड के विषय पर भी चर्चा हुई।
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मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि गणेशपुर से मोहंड तक एलिवेटेड रोड की मांग की गई थी। वन विभाग ने एनएचएआई को वाहनों की रफ्तार के कारण जान गंवाने वाले जीवों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी । वन विभाग वन्य जीवों की सुरक्षा और पेड़ों के कटान को लेकर काफी गंभीर था।
इस पर उसने एनएचएआई को पूरी रिपोर्ट भेजी दी। इस पर मंथन किया गया और केंद्र ने एलिवेटेड रोड के निर्माण के लिए एनएचएआई को मंजूरी दे दी है। बता दें कि लंबे वक्त से हाईवे में होने वाले निर्माण को लेकर पेंज फंसा हुआ था।
एनएचएआई गणेशपुर से मोहंड तक एलिवेटेड रोड बनाएगा। वन क्षेत्र में आने वाला ये हिस्सा करीब 16 किमी है। केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद अब दिल्ली-दून हाईवे का काम तेजी से आगे बढ़ेगा। इसके अलावा प्रदेश में दो नए क्रशर स्थापित करने की भी मंजूरी मिली है। पहले गणेशपुर-मोहंड राजमार्ग के चौड़ीकरण संबंधी प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 19.38 किलोमीटर था। इस राजमार्ग से शिवालिक वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व का क्षेत्र भी जुड़ा हुआ था। अक्सर वाहन दुर्घटना का शिकार जानवर होते थे।