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हल्द्वानी में अनीता बेलवाल ने शुरू किया अपना काम, बच्चों की पढ़ाई के लिए छोड़ा था पहाड़

हल्द्वानी: आमदनी के रास्ते को खोजना और अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करना यह अब केवल पुरुषों का काम नहीं रह गया है। परिवार को संभालने में उत्तराखंड की महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। हल्द्वानी कुसुमखेड़ा के पास पहाड़ी हाट स्टोर चलाने वाली अनीता बेलवाल एक तरफ जहां पति से दूर रहकर बच्चों को पाल रही हैं तो वहीं पहाड़ के उत्पादों को भी बढ़ावा दे रही हैं।

बता दें कि मूल रूप से अल्मोड़ा कागड़ीघाट की निवासी अनीता बेलवाल पिछले 13 सालों से हल्द्वानी में रहती हैं। वह यहां कुसुमखेड़ा स्थित हनुमान मंदिर के समीप ‘पहाड़ी हाट’ नाम से स्टोर चलाती हैं। जहां पर 25 से अधिक पहाड़ी उत्पाद जैसे मडुवा, गौहत, पहाड़ी भांग, अरहर, लोबिया, पहाड़ी हल्दी, गडेरी, पिनालू आदि उपलब्ध हैं। अनीता बेलवाल के पति दीप बेलवाल कागड़ीघाट में रहकर अपनी दुकान चलाते हैं और खेती भी करते हैं।

पति का हाथ बंटाने के लिए अनीता काम कर रही हैं। मगर यह उतना भी आसान नहीं है। अनीता अपने चार बच्चों के साथ यहां किराए पर रहती हैं। बच्चे डीएवी स्कूल में पढ़ते हैं। अनीता बताती हैं कि कोरोना के समय वह वापिस गांव चली गई थी। मगर अब वापसी हुई है। उनका कहना है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए गांव में वो व्यवस्था नहीं जो शहरों में है। इसलिए उन्होंने हल्द्वानी आकर बच्चों को पढ़ाने का मन बनाया।

हल्द्वानी के काफी लोग उनसे मडुवा आदि पहाड़ी सामान मंगाते थे। इसी के जरिए एक आइडिया खोजते हुए उन्होंने एक महीने पहले यहां पहाड़ी हाट स्टोर खोला है। अनीता बेलवाल का कहना है कि उनके पति ने भी उनकी बहुत मदद की है। इसमें कोई दोराय नहीं कि पहाड़ी उत्पादों की बात अलग है। स्वाद के साथ साथ पहाड़ी उत्पादों के काफी फायदे हैं। ऐसे में अनीता बेलवाल पहाड़ी हाट स्टोर के माध्यम से पहाड़ को बढ़ावा दे रही हैं। स्टोर में 25 से अधिक उत्पाद उपलब्ध हैं। अनीता बेलवाल ने हरेक महिला के लिए प्रेरणा बनने का काम किया है और बताया है कि महिलाएं भी बाहर रहकर काम कर सकती हैं।

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