देहरादून: प्रदेश के नाम विकास के लिहाज से एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है। एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे (5.5 किमी) देहरादून से मसूरी तक बनने जा रहा है। इससे एक तरफ जहां समय कम होने से पर्यटकों को फायदा होगा वहीं ट्रैफिक व्यवस्था भी सुधार की तरफ बढ़ सकेगी।
दरअसल सोमवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सौजन्य से लोक सुनवाई का आयोजन किया गया। स्थानीय लोगों ने प्रोजेक्ट को लेकर अपनी पूरी सहमति जताई। साथ ही रोजगार के मुद्दे को भी सुनवाई में उठाया गया।
एडीएम जीसी गुणवंत की अध्यक्षता में पुरकुल स्थित प्राचीन शिव मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह रोपवे दोनों ही शहरों के लिए पर्यटन दृष्टि से वरदान साबित होगा। रोपवे से महज 15 से 20 मिनट में सफ़र पूरा होगा। बता दें कि इससे पहले मैसर्स मसूरी स्काई कार कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने ग्रामीणों से बात कर उन्हें बारीकियां समझाई। ग्रामीणों का कहना था कि इससे सृजित रोजगार में प्राथमिकता दी जाए। क्षेत्र का विकास किया जाए।
इन मांगों को पूरा करने का भरोसा भी ग्रामीणों को दिया गया। बता दें कि रोपवे से एक घंटे में दो हजार यात्री दोनों ओर सफर कर सकते हैं। दिनभर में रोपवे का 10 घंटे तक संचालन किया जाएगा। यूटीडीबी के निदेशक प्रशांत कुमार आर्य ने ग्रामीणों को सहमति देने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा विभाग गांव के रोजगार और विकास की ओर तेजी से अग्रसर रहेगा।
इस मौके पर पर्यटन विभाग के वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत, जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी, देहरादून जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल सिंह चौहान, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्याम सिंह पुंडीर, क्षेत्र पंचायत सदस्य कनिका रावत, उपेंद्र सिंह थापली, गोदावरी थापली के अलावा होटल एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद थे।