नई दिल्ली: भारत में क्रिकेट को लेकर जो क्रेज है वो किसी से छुपा नहीं है। यहां पर बच्चे छोटी छोटी उम्र से ही बैट और बॉल पकड़कर गलियों में खेलने निकल जाते हैं। इन्हीं में से कई बच्चे बड़े होकर अपने प्रदेश और आगे चलकर भारत का नाम रोशन करते हैं। इसी कड़ी में एक और खिलाड़ी ने रणजी ट्रॉफी के डेब्यू में तिहरा शतक ठोक कर इतिहास रच दिया है। हम बिहार के सकीबुल गनी के बात कर रहे हैं।
सकीबुल गनी ने बिहार की तरफ से अपने पहले ही रणजी ट्रॉफी मुकाबले में 405 गेंदों पर 341 रन बना डाले। उन्होंने मिजोरम के खिलाफ खेली गई पारी में 56 चौके और 2 छक्के जड़े। इसी के साथ 22 वर्षीय गनी फर्स्ट क्लास क्रिकेट के डिब्बे में 13 शतक बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए। इससे पहले मध्य प्रदेश के अजय रोहेरा ने 2018 में हैदराबाद के खिलाफ 267 रन बनाए थे।
इतिहास रचने के पीछे की कहानी भावुक कर देने वाली है। सकीबल गनी का यहां तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उनके परिवार ने काफी संघर्ष किया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सकीबुल के पास बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन उनकी मां ने बेटे का सपना पूरा करने के लिए जी जान लगा दी। सकीबुल के भाई फैसल ने बताया कि जब भी जरूरत पड़ती तो उनकी मां आसमा खातून अपने जेवर गिरवी रखकर पैसों का इंतजाम करती।
उन्होंने बताया कि गनी जब टूर्नामेंट खेलने के लिए जा रहे थे तो मां ने 3 बैट दिलवाए और कहा कि जाओ बेटा तीन शतक लगाना लेकिन बेटे ने पहले ही मैच में तिहरा शतक लगा कर इतिहास रच दिया। गौरतलब है कि बेटे गनी ने तीन बैट में से एक से रिकॉर्ड बनाया। इस मौके पर सकीबुल गनी ने कहा कि अम्मा नजर उतार दी। बता दें कि सकीबुल के पिता मोहम्मद मन्नन गनी स्पोर्ट्स के सामान की दुकान चलाते हैं। सकीबुल गनी ने हाल ही में खेली गई विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया था।