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उत्तराखंड में हो गई एक आधुनिक शुरुआत, कुकिंग तेल से बनाया जाएगा बायो डीजल


देहरादून: कुंभ मेला में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कुकिंग तेल से हरित ईधन बायो डीजल का उत्पादन किया जाएगा। इस सम्बंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिये नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने निर्देश दिया है। सुरक्षित सेहत का ध्यान रखते हुए भारत सरकार की पहल पर खाद्य सुरक्षा विभाग की निगरानी में उत्तराखंड में भी अब हरित ईंधन की शुरूआत हरिद्वार से हो चुकी है। इससे जहां लोगों को एक ही कुकिंग आयल के बार बार प्रयोग से सेहत को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।

बायो फ्यूल या बायो डीजल तैयार करने की प्रक्रिया के सम्बन्ध में, अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा कुंभ आरएस रावत ने बताया कि बायो डीजल या हरित ईंधन नये युग की स्वास्थ्य की दिशा में क्रांति है। उन्होंने कहा कि एक ही कुकिंग आयल को तीन बार से अधिक प्रयोग करना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इससे बचने के लिए भारत सरकार की पहल पर कुंभ में भी विभाग की निगरानी में हरिद्वार में इसकी शुरुआत हो चुकी है। सरकार की ओर से अधिकृत एक कंपनी जिसका प्लांट भिवाड़ी हरियाणा में है।

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वह हरिद्वार के होटल, रेस्टोरेंट कारोबारियों से ऐसे रियूज्ड कुकिंग आयल को एकत्रित करने का काम कर रही है। इसके लिए आज ऐसे कारोबारियों को कैन भी दिया गया है। इसमें निष्प्रयोज्य कुकिंग आयल एकत्रित कर कंपनी 25 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद करेगी। इसका रिसाइक्लिंग कर औद्योगिक प्रयोजन में इस्तेमाल किया जाएगा। बताया कि औसतन 10 लीटर ऐसे कुकिंग आयल से सात से आठ लीटर बायो फ्यूल तैयार हो सकता है। बायो फ्यूल से पर्यावरण के संरक्षण के साथ ही लोग सेहतमन्द भी होंगे। कुंभ के दृष्टिगत इस कार्य में तेजी लाई जा रही है।

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