देहरादून: प्रदेश में क्रिकेट को लेकर बीते कुछ ही दिनों में बड़ा बवाल हो गया है। दरअसल विजय हजारे ट्रॉफी खेल रही उत्तराखंड की टीम में शामिल बल्लेबाज आर्य सेठी के पिता ने कोच मनीष झा पर बेटे को पीटने के आरोप लगाए थे। अब विवाद इतना बढ़ गया है कि कोच देहरादून आने से ही बच रहे हैं। उनका कहना है कि मेरा परिवार इस प्रकरण से बहुत दुखी है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले आर्य सेठी के पिता बीरेंद्र सेठी ने कोच मनीष झा पर अपने बेटे को पीटने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट्स के अनुसार बीरेंद्र सेठी ने बताया कि मनीष झा टीम के सभी खिलाड़ियों के साथ बातचीत में गाली गलौच का उपयोग करते हैं। इसके बाद मामला एकाएक तूल पकड़ता चला गया है। अब क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने सीनियर टीम के कोच और आर्य सेठी के विवाद पर जांच बैठा दी है।
सीएयू का कहना है कि टीम के देहरादून पहुंचने पर टीम मैनेजर, चश्मदीद सपोर्ट स्टाफ व खिलाड़ियों से प्रकरण की जानकारी ली जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि क्रिकेटर आर्य सेठी के पिता बीरेंद्र सेठी की तहरीर पर पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। मामले में रोज के रोज नए सिरे जुड़ते जा रहे हैं।
इस मामले पर उत्तराखंड सीनियर टीम के कोच मनीष झा ने अपनी बात कही है। उनका कहना है कि एक खिलाड़ी को गलत करने के लिए समझाना कब पिटाई और जान से मारने की धमकी बन गया। यह मुझे समझ नहीं आया। इतने सालों में आजतक किसी खिलाड़ी की तरफ से या किसी भी तरह से ऐसा कोई मामला नहीं आया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब मनीष झा बिना सुरक्षा देहरादून जाने से बच रहे हैं।
मनीष झा का मानना है कि अब सीएयू के निर्णय का इंतजार है। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों मुझे राजनीति में घसीटा गया है, मैं और मेरा परिवार इस प्रकरण से दुखी हैं। हो ना हो लेकिन इस विवाद से कहीं ना कहीं उत्तराखंड क्रिकेट टीम पर भी असर पड़ेगा। जो कि भविष्य के लिए अच्छा नहीं है।