देहरादून: प्रदेश में अटल उत्कृष्ट विद्यालय को लेकर कवायाद लगातार जारी है। सीबीएसई से मान्यता लेने का सिलसिला लगातार चल रहा है। इसी क्रम में शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। जो कि शिक्षा विभाग पर भारी पड़ रही है। एक तरफ जहां डाटा एंट्री लेट होने के चलते दो स्कूलों पर 60 से 80 हजार रुपये का जुर्माना लगा है। वहीं कुछ स्कूलों ने दूसरी बार CBSE में फीस जमा करा दी।
गौरतलब है कि उत्कृष्ट विद्यालय योजना प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार है। मगर इस सर्वोच्च प्राथमिकता की योजना में भी अब लापरवाही सामने आ रही हैं। इसलिए सवाल उठना भी लाजमी है। हुआ ये कि पहले तो दो स्कूलों पर मोटा जुर्माना सीबीएसई के द्वारा लगाया गया है।
सूत्रों की मानें तो मान्यता मिलने के बाद एक तय समय के भीतर ओएससिस रिकार्ड भी भरना अनिवार्य होता है। इसी क्रम में हरिद्वार के सिकरौड़ा स्थित अटल उत्कृष्ट जीआईसी और नैनीताल के अटल उत्कृष्ट जीजीआईसी से बड़ी चूक हो गई। दोनों ने ही समय पर रिकार्ड अपडेट नहीं किया। इसलिए सीबीएसई ने इन दोनों स्कूलों पर 80 हजार और 60 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है।
इसके अलावा कुछ अन्य स्कूलों ने ये गलती कर डाली कि उनकी मान्यता निरस्त होने के बाद स्कूलों ने दूसरी बार भी सीबीएसई में शुल्क जमा कर दिया। इस मामले में शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने सीबीएसई के अध्यक्ष को पत्र भेजते हुए जुर्माने को माफ करने और दोहरे शुल्क की वापसी का अनुरोध किया है। बता दें कि सरकार ने इस साल 189 स्कूलों को अटल उत्कृष्ट स्कूलों के रूप में विकसित किया है।