देहरादून: आधुनिक ज़माने को अत्याधिक आधुनिक बनाने में शिक्षा का सबसे अहम योगदान माना जाता है। इसी आधुनिकता को और बढ़ाने के लिए सीबीएसई ने सभी बच्चों को एडवांस करने का मन बना लिया है। जी हां, सीबीएसई ने सभी स्कूलों को सर्कुलर जारी कर कक्षा छह से ही कोडिंग और डाटा साइंस के कोर्स शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। बोर्ड का मानना है कि इससे बच्चे छोटी उम्र से ही भविष्य के लिए तैयार हो सकेंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इस शैक्षणिक सत्र से इन कोर्सेज को शुरू करने जा रहा हैं। देहरादून के शिक्षकों की मानें तो इन विषयों से बच्चों की तार्किक क्षमता के साथ साथ भविष्य में आइटी क्षेत्र में कॅरियर बनाने के रास्ते भी आसान हो सकेंगे। सीबीएसई बोर्ड ने शुक्रवार को सभी स्कूलों को इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया है।
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जारी निर्देशों में कहा गया है कि कक्षा छह से आठ तक में 12 घंटे के स्किल माड्यूल (पूरे सत्र में सिर्फ 12 घंटे की क्लासेस चलेंगी) अथवा 11वीं व 12वीं में इसे विषय के तौर कोडिंग और डाटा साइंस को शामिल किया जाएगा। सीबीएसई का कहना है कि इससे छात्रों को समस्या समाधान व आंकड़ा या डाटा जुटाने एवं संग्रहित करने के बारे में जानकारी मिलेगी।
इसके अलावा छात्रों को यह भी मालूम हो सकेगा कि डाटा का विश्लेषण करके कैसे निर्णय किया जाता है। निर्देशों के अनुसार जो भी स्कूल 11वीं में स्किल विषय के तौर पर इन विषयों को शामिल करने के लिए आवेदन करेंगे, उन्हे किसी फीस का भुगतान नहीं करना होगा। माइक्रोसाफ्ट की मदद से दोनों विषयों के अध्ययन सामग्री और किताबें तैयार की गई हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में सीबीएसई का यह कदम खासा बेहतर साबित हो सकता है। दुनिया में आजकल डाटा साइंस और कोडिंग की बहुत वैल्यू है। खासकर आईटी सेक्टर में जाने के लिए यह विषय अच्छे से आना किसी वरदान से कम नहीं है। ऐसे में अगर भारत के छात्र छोटी उम्र से ही इस विषय में महारथ हासिल करते हैं तो निश्चित ही भविष्य सुनहरा होने वाला है।
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