नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्ट पार्टी के 34 साल के शासन का अंत कर तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में पहुंचने में अहम् रोले निभाने वाले मुकुल रॉय अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं | पश्चिम बंगाल की राजनीती में वह चाणक्य के नाम से मशहूर हैं | पश्चिम बंगाल में हर बूथ पर कैडर खड़ा करने व तृणमूल कांग्रेस का संगठन मजबूत करने का श्रेय मुकुल रॉय को जाता है |
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले मुकुल रॉय और तृणमूल सुपरीमो ममता के बीच 2016 के विधानसभा चुनाव के पहले ही दूरियां बढ़ने लगी | शारदा चिटफंड घोटाले में उनका नाम आने व नारद कांड में संलिप्तता के आरोप के बाद मुकुल और ममता के बीच दूरियां बाद गयी थी और आखिरकार मुकुल रॉय भाजपा में शामिल हो गए |
2001 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वह हार गए | 2006 में हुए राज्यसभा चुनाव में तृणमूल ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया| साल 2008 में उन्हें पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव बनाया गया था |
2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल लौट गई | रेल मंत्री का पद उन्होने अपने खास साथी मुकुल राय को सौंपा | हांलाकि मुकुल राय इस पद पर लंबे समय तक टिक नहीं पाये| एक रेल दुर्घटना के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रेल मंत्री मुकुल राय को निर्देश दिया कि वो घटनास्थल का दौरा करें |लेकिन मुकुल रॉय राय ने ऐसा करने से मना कर दिया जिसके बाद उनसे रेल मंत्री का पद छीन लिया गया |