देहरादूनः भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला जा रहा है। मैच के दूसरे दिन भी भारतीय बल्लेबाजो खेल को अपनी तरफ ही रखा। एक तरफ चेतेश्वर पुजारा की 193 की पारी टीम इंडिया को बड़े स्कोर की तरफ ले जाने का रास्ता दिखाया तो ऋषभ पंत ने उसे पूरा किया। पुजारा के आउट होने के बाद पंत ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर का दूसरा शतक जमाकर इतिहास रच दिया। ऋषभ ने नाबाद 159 रनों की पारी खेली। उन्होंने 7 विकेट के लिए रविंद्र जडेजा के साथ 204 रनों की साझेदारी की। जडेजा ने 81 रन बनाए। दोनों की शानदार पारियों के बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 622 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर पारी घोषित की।
दूसरे दिन का खेल खत्म होने पर ऑस्ट्रेलिया ने बिना किसी नुकसान के 24 रन बनाए। सिडनी टेस्ट का दूसरा दिन पूरी तरह से भारत के नाम रहा और खासकर 21 साल के पंत ने एक बार फिर पूरे क्रिकेट जगत को अपनी ओर खीचा। सीरीज में विकेट के पीछे 20 शिकार करने के बाद पंत ने आखिरी टेस्ट में शतक की कसर भी पूरी कर दी। उन्होंने 159 रनों की पारी में 15 चौके और 1 छक्का लगाया और इसे साफ लगता है कि यह सितारा भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाएगा। पंत ने अपने आप को मिले मौके को अच्छी तरह से भुनाया है। इंग्लैंड दौरे में शतक के बाद ऑस्ट्रेलिया में शतक जड़ने से उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को भी पीछे छोड़ दिया है। धोनी ने अपने क्रिकेट करियर में एशिया के बाहर कोई भी शतक नहीं जमाया था।
पंत ने एशिया के बाहर दो शतक जमाए और वो ऐसा करने वाले भारत के पहले विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं। इसके अलावा एशिया के बाहर सिर्फ तीन भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ही शतक जमाने में कामयाब हुए हैं। विजय मांजरेकर ने 1959 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 118 रन बनाए। फिर 2002 में अजय रात्रा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 115 रन बनाए। 2016 में ऋद्धिमान साहा ने भी वेस्टइंडीज के खिलाफ ही 104 रन की पारी खेली ऋषभ पंत ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर टेस्ट में शतक जमाने वाले टीम इंडिया व एशिया के पहले विकेटकीपर बल्लेबाज बने। एशिया के बाहर सर्वाधिक टेस्ट शतक जमाने के मामले में ऋषभ पंत संयुक्त रूप से मोइन खान और मुश्फिकुर रहीम के साथ शीर्ष पर पहुंच गए हैं। इन तीनों एशियाई विकेटकीपर बल्लेबाजों ने एशिया से बाहर दो-दो टेस्ट शतक जमाए हैं। ऋषभ पंत इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक जमाने वाले विश्व के दूसरे विकेटकीपर हैं। इससे पहले जेफ्री डुजोन ने 1984 में मैनचेस्टर और पर्थ में शतक जमाए थे।