हल्द्वानी: स्वच्छता को लेकर उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को भी गंभीर होने की जरूरत है। उत्तराखंड घूमने आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और कई बार देखने को मिला है कि पर्यटक कूड़ा इधर-उधर फेंक देते हैं जिससे राज्य की छवि खराब होती है। पिछले कुछ वक्त में उत्तराखंड के कई ग्राम सभाओं ने कुछ कड़े फैसले लिए हैं।
ऐसे में स्वच्छता अभियान को गति देने और क्षेत्र को साफ सुथरा रखने के संबंध में बेतालघाट ब्लॉक के छड़ा खैरना ग्राम सभा ने फैसला लिया गया है कि अगर कोई क्षेत्र में गंदगी करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ चालानी कार्रवाई होगी। इसके अलावा ग्राम सभा नदियों और सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों पर भी नजर रखेगी । यह फैसला ग्राम प्रधान कन्नू गोस्वामी की अध्यक्षता में लिया गया। इसके अलावा कूड़े के निस्तारण के लिए ग्रामसभा सभी परिवारों और बाजार के लोगों से पंचायत टैक्स वसूलने वाली है।
बता दें कि पिछले कुछ वक्त में ग्राम सभाओं ने अपने फैसले से राज्य के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पिछले दिनों पिथौरागढ़ के गांव ने शादी समारोह में शराबबंदी का फैसला किया था। अगर कोई परिवार नियमों को तोड़ता हुआ पाया गया तो शादी समारोह का बहिष्कार ग्रामीणों द्वारा किया जाएगा।
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र अपने फैसले से शहर के लोगों को संदेश दे रहे हैं कि अगर आज स्वच्छता को लेकर बड़ा फैसला नहीं लिया गया तो भविष्य की पीढ़ी को साफ सुथरा वातावरण में नहीं बल्कि कूड़े के ढेर के बीच में रहना पड़ेगा जो मनुष्य की हेल्थ के लिए बेहद हानिकारक है।