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क्रिकेट के मैदान पर फिर रोशन हुआ देवभूमि का नाम, उत्तराखण्ड के कुनाल ने रणजी सेमीफाइनल में लगाया शतक


नई दिल्ली: रणजी सेमीफाइनल का आगाज हो चुका है। दिल्ली की टीम एक दशक के बाद खिताब जीतने के करीब पहुंचती दिख रही है। दिल्ली ने रणजी सीजन 2017  के पहले सेमीफाइनल में बंगाल को पारी और 26 रनों से मात दी। दिल्ली की जीत में मुख्य भूमिका उनके ओपनरों ने निभाई। कप्तान गौतम गंभीर (127) और कुनाल चंदेला (113) ने मैच जिताऊ पारी खेली। बंगाल की टीम ने पहली पारी में 286 तो दूसरी पारी में 86 रन ही बनाए। वहीं दिल्ली की पहली पारी का स्कोर 398 रन था।

मैच के बाद छाया उत्तराखण्ड का कुनाल

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दिल्ली की जीत के बाद कुनाल चंदेला सुर्खियों में रहे। कुनाल का ये तीसरा मैच था और उन्होंने अपने कप्तान द्वारा दी गई जिम्मेदारी को शानदार तरीके से निभाया। कुनाल देहरादून के रहने वाले है। उन्होंने अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी से कोचिंग की।  उनके कोच मनोज रावत और कोच रवि नेगी काफी खुश है। कोच मनोज रावत ने बताया कि कुनाल पहले से ही लंबी पारी खेलने का आदि है। उसने मौजूदा सीजन में ही अपना पदार्पण किया और बल्लेबाजी की छाप छोड़ी है। कुनाल के पिता अनिल चंदेला दिल्ली में रहते है। वह बिजनेसमेन है। कुनाल की पढ़ाई देहरादून के आर्यन स्कूल और इंडियन पब्लिक स्कूल से हुई। 

मनोज रावत देहरादून क्रिकेट अभिमन्यु एकेडमी

 

बता दे कि कुनाल ने अभी तक खेले तीन मुकाबलों में 113,81,64 और 57 रन बनाए है। कोच रवि नेगी ने कहा कि अच्छे बल्लेबाज की पहचान होती है कि वह मौके को भुनाए और छोटी पारियों को बड़े स्कोर में तब्दिल करें। कुनाल इस चीज से अच्छी तरह से वाकिफ है और उसने यही किया है।विज्जी ट्रॉफी में चंदेला ने दोहरा और तीहरा शतक लगाया था। इसी प्रदर्शन के आधार पर चयन दिल्ली टीम में हुआ।

कोच रवि नेगी , देहरादून अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी

कुनाल के शतक के बाद उत्तराखण्ड को बीसीसीआई से मान्यता मिलने की हवा एक बार फिर तेज हो गई है। राज्य को मान्यता नहीं मिली है उसके कारण से युवाओं को दूसरे राज्य की टीम से खेलना पड़ता है। इस कमी के बाद भी उत्तराखण्ड का युवा राज्य का नाम क्रिकेट के मैदान पर रोशन कर रहा है।

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