हरिद्वार: हरिद्वार जिले में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। विभाग जल्द ही बड़ी जटिलताएं और नई तकनीकी लाने वाला है। हरिद्वार जिले में 80 लाख रुपये की लागत से बन रहा टेस्ट ड्राइव रूट आधुनिक मशीनें, सेंसर, सिग्नल लाइट और सीसीटीवी कैमरे, घुमावदार मोड़ आदि से लैस होगा। इन सब जटिलताओं के बीच बिना किसी गलती से गुजरने वाले चालक को ही विभाग ड्राइविंग लाइसेंस देगा। दावा किया जा रहा है कि यह प्रदेश का पहला सरकारी टेस्ट ड्राइव रूट है। इस रूट के बनने के बाद किसी के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आसान नहीं होगा।
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जानकारी के अनुसार लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटना आरटीओ के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही थी। जिसके चलते विभाग अपना नई तकनीकी से लैस टेस्ट ड्राइव रूट तैयार करवा रहा है। इस रूट पर ड्राइविंग को चेक करने के लिए आधुनिक मशीनें, सेंसर और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही सिग्नल लाइट, घुमावदार मोड़, स्पीड ब्रेकर आदि ऐसी चीजें बनाई गई है जिनकी जानकारी नहीं होने के चलते अक्सर हादसे होते हैं। अचानक रेड सिग्नल देकर चालक को सचेत किया जाएगा। यहां वाहन चलाते समय अगर जरा भी गलती होती है तो वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जाएगी।
ऐसे में गाड़ी को पूरी तरह से ट्रैक पर बिना गलती के गुजारने के बाद ही परिवहन विभाग चालक को पक्का लाइसेंस जारी करेगा। बता दें कि वर्तमान तक वाहन चालक यातायात नियमों से जुड़े सवालों के जवाब देने और अन्य सरल प्रक्रिया से गुजरते थे। इसके बाद विभाग अपने स्तर पर ही किसी मैदान में टेस्ट ड्राइव रूट बनाकर वहां चालकों से गाड़ी चलवाकर देख लेता था।
यहां किसी भी चालक के लिए गाड़ी चलाना बहुत आसान होता है। परिवहन के नियमों की समझ नहीं रखने वाले भी यहां गाड़ी चलाकर टेस्ट पास कर लेते हैं। इसके बाद ऐसे लोग सड़क पर अपने और दूसरों के लिए खतरनाक साबित होते हैं। ऐसे लोग ही बड़ी दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं।
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