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अब चारधाम यात्रा के लिए केवल एक पोर्टल पर करना होगा पंजीकरण


देहरादून: मंगलवार चारधाम तीर्थयात्रियों के लिए राहत भरी खबर लेकर आया। हाईकोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या पर से प्रतिबंध हटा दिया। तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित होने के वजह से कम लोग यात्रा के लिए पहुंच रहे थे। इसके अलावा उन्हें इंतजार करना पड़ रहा था। कोर्ट की राहत के बाद मंगलवार शाम को चारधाम यात्रा की नई एसओपी भी जारी कर दी गई। अब यात्रियों को केवल देहरादून स्मार्टसिटी पोर्टल पर ही पंजीकरण करना होगा। वहीं देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। उत्तराखंड के लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य नहीं है। वहीं दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन व कोरोना जांच अनिवार्य है।

बता दें कि 16 सितंबर को कोर्ट ने चार धाम यात्रा में आने वालों के लिए संख्या तय थी। प्रत्येक दिन केदारनाथ में 800 , बद्रीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री में कुल 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति हाईकोर्ट ने दी थी। मंगलवार को हाईकोर्ट ने इस नियम को बदल दिया है। अब कितने भी श्रद्धालु दर्शन को आ सकते हैं। चारधाम यात्रा में केवल तीन हफ्ते बचे हैं। ऐसे में तीर्थयात्रियों की संख्या से लिमिट हटने से पर्यटन को काफी फायदा होगा। कारोबारी लंबे वक्त से संख्या बढ़ाने के लिए आवाज उठा रहे थे।

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बता दें कि कोरोना संकट से पहले चारधाम यात्रा शुरू कर दी गई थी लेकिन खतरे को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने यात्रा पर बैन लगा दिया। इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुनवाई में वक्त लगने की वजह से उसने दोबारा नैनीताल हाईकोर्ट में अर्जी लगाई और 16 सितंबर को यात्रा से बैन हट गया। कारोबारियों का कहना है कि सरकार और देवस्थानम बोर्ड की ओर से सही तरीके से अपना पक्ष कोर्ट में नहीं रखा जा रहा था। यदि सही तरीके से पक्ष रखा जाता, तो पहले ही मंजूरी मिल गई होती। पहले समय सुप्रीम कोर्ट में जाकर खराब किया गया। इसके बाद हाईकोर्ट में सही तरीके से पैरवी नहीं की गई। नहीं तो श्रद्धालुओं की संख्या में लगी रोक पहले ही हट जाती।

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