हल्द्वानी: ग्रीन सीटी के नाम से विख्यात हल्द्वानी की जनता स्वच्छता की बात खूब करती है। सोशल मीडिया पर भी लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्ट डाले जाते है। शहर की छवि को सुधारने के लिए मुहिम चलाई जाती है लेकिन असल में कहानी कुछ और है। एक रिपोर्ट के अनुसार हल्द्वानी के लोग शहर को साफ रखने में कंजूसी करते हैं। हल्द्वानी में लोग शहर को साफ रखने के लिए 1.33 रुपए प्रतिदिन देने के लिए भी रुपए डर रहे हैं। बता दें कि इंदौर को देश लगातार दूसरी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा है।
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ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत हल्द्वानी नगर निगम में जनवरी में डोर टू डोर कूड़ा इकठ्ठा करने की योजना शुरू हुई थी। नगर निगम की कूड़ा गाड़ी रोजाना घरों से कूड़ा उठाती है जिसके लिए 40 रुपए मासिक शुल्क रखा गया है। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी कूड़ा उठाने की गाड़ी आती है लेकिन लोग उसमें कूड़ा डालने के बजाए नालियों व खाली प्लॉट में डालना पसंद करते हैं इससे उनके 40 रुपए बच जाते हैं।
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एक रिपोर्ट के अनुसार शहर में 70 प्रतिशत लोग अपने 40 रुपए बचाने के लिए कूड़ा गाड़ी में कूड़ा नहीं डालते हैं। जिस 40 रुपए की हम बात कर रहे है उसे कलेक्शन में लगे वाहन , ड्राइवर व कर्मचारियों का खर्च निकालने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन इस मुहिम को लोगों की कंजूसी ने फुस साबित कर दिया। शहर में कूड़ा उठाने के लिए कुल 34 गाड़ी, 5 कॉम्पेक्टर लगे हुए है जिनका महीने का खर्ज 15 लाख रुपए से अधिक है।