हल्द्वानी: शहर में आत्महत्याओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में स्थित प्रसार प्रशिक्षण केंद्र से आ रही सुसाइड की खबर ने एक बार फिर माहौल गमगीन कर दिया है। सुसाइड के कारणों का अभी कुछ पता नहीं चला है मगर पुलिस ने शव को बरामद कर जांच शुरू कर दी है। इस खुदकुशी ने प्रशासन को कठघरे में ला खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि युवक प्रसार प्रशिक्षण केंद्र के अंदर पहुंचा कैसे..।
दरअसल गौलापार के बागजाला में स्थित प्रसार प्रशिक्षण केंद्र को लॉक़डाउन के दौरान प्रशासन द्वारा काम में लिया गया था। इसे क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। आपको बता दें कि यहां आसपास सरकारी कमरे भी बने हुए हैं।
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शनिवार की सुबह जब काठगोदाम पुलिस को सुसाइड की सूचना मिली तो थानाध्यक्ष भगवान सिंह महर घटनास्थल पर आ पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने शव को पंखे से लटका पाया। युवक ने सुसाइड प्रसार प्रशिक्षण केंद्र के विश्राम गृह में किया था। जहां उसने अपने गले के मफलर को ही फांसी का फंदा बनाया था। शव को नीचे उतारा गया तो उसके पास से बैंक की पासबुक भी मिली। जिससे कुछ जानकारी हासिल हुई।
थानाध्यक्ष ने टीपीनगर के रहने वाले कारोबारी दलीप सिंह रौतेला को वहीं मौके पर बुलाया ताकि मृत युवक के बारे में कुछ पता चल सके। इसके बाद जाकर मृतक की पहचान हुई। मृतक की पहचान ग्राम बिलौरी, झिरौली जिला बागेश्वर के 30 वर्षीय राजेंद्र सिंह पुत्र बच्ची सिंह के तौर पर की गई। खुदकुशी करने वाला व्यक्ति दलीप सिंह के गांव का ही निकला।
बाद में यह भी पता चला कि मृतक मैग्नेसाइट कंपनी में नौकरी करता था। पुलिस ने बताया मरने वाले व्यक्ति के तीन बच्चे भी हैं। यह भी पता चला कि युवक कुछ दिनों पहले ही 50,000 रुपए की नगदी अपने साथ लेकर आया था। लेकिन शव के साथ केवल 300 रुपए ही बरामद हुए हैं। आपको बता दें कि इस सुसाइड के बाद से ही प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सुरक्षा संबंधी मामलों में यह एक बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर कैसे यह व्यक्ति प्रशिक्षण केंद्र में घुस पाया।
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