हल्द्वानी: अच्छे इलाज के लिए कुमाऊं के लोगों को बाहरी क्षेत्रों का रुख करने की ज़रूरत अब नहीं होगी। दरअसल राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार ने योजना बनाई थी। जिसके तहत पुराने मेडिकल कॉलेजों को बेहतर किया जाना था। सुविधाओं के मामले में उच्चीकृत किया जाना था। मगर इस योजना का लाभ अब तक उत्तराखंड को नहीं मिल सका है।
ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तराखंड से किसी ने भी इस योजना में सरकारी अस्पताल के लिए प्रस्ताव हीं भेजा था। बहरहाल अब प्रस्ताव भेजा जा चुका है। प्रस्ताव भेजने वाले और कोई नहीं हैं, बल्कि हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ही हैं। इन्होंने चिकित्सा-शिक्षा निदेशक को प्रस्ताव भेजा है।
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लाज़मी है कि अगर प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की मुहर लगती है, तो कुमाऊं के लिए काफी बेहतर हो जाएगा। क्योंकि योजना के तहत यहां 60-60 बेड के 6 सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल तैयार किए जाएंगे। जिसके चलते कुमाऊं के लगभग 42 लाख लोगों को फायदा मिलेगा। लोगों को बेहतर इलाज के लिए अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जाना होगा। बहरहाल उम्मीद है कि सरकार द्वारा प्रस्ताव पास कर दिया जाएगा।
योजना की बात करें तो, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत पुराने मेडिकल कॉलेजों को उच्चीकृत किया जाना है। जिसमें सरकारी अस्पतालों को प्रस्ताव सरकार को भेजने थे। योजना के तहत भारत सरकार छह सुपर स्पेशलिटी विभाग एवं अस्पताल के लिए धनराशि देगी। उसकी निगरानी में अस्पताल चलेगा। बता दें कि अस्पताल का निर्माण एम्स या पीजीआई की देखरेख में होगा, जो कि खास बात है। जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत आगरा मेडिकल कालेज को उच्चीकृत किया जा चुका है।
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत छह सुपर स्पेशलिटी विभाग और अस्पताल के लिए प्रस्ताव चिकित्सा-शिक्षा निदेशक को भेजा गया है। भारत सरकार अगर हरी झंडी देती है तो नया अस्पताल बनेगा।
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