हल्द्वानी: सरकार के प्राइवेट स्कूलों में एनसीआरटी किताब को लागू करने के फैसले के बाद पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने विरोध के स्वर छेड़ दिए हैं । वहीं राजधानी देहरादून में प्रोग्रेसिव पब्लिक स्कूल एसोसिएशन सरकार के एनसीआरटी की किताबे लागू करने के फैसले का विरोध जाहिर कर रही है।
सरकार के एनसीआरटी किताबे अनिवार्य करने के फैसले का स्टूडेंट गार्जन टीचर वेलवेयर सोसाइटी हल्द्वानी ने स्वागत किया है। अध्यक्ष पंकज खनी के अनुसार सोसाइटी सालों से छात्र और अभिभावकों के हक में सोचती हुई आई है।एनसीआरटी लागू करने के सरकार के फैसले पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन भी हामी भर चुका है,लेकिन पब्लिक स्कूल के कई प्रबंधक एनसीआरटी की किताबे लागू ना किए जाए इसके लिए अभिभावकों को भम्रित कर रहे है। वो एनसीआरटी में पूरा सिलेब्स नहीं होता जैसी बातों से अभिभावकों को इस फैसले के विरोध पर खड़ा करवाना चाह रहे हैं। इस फैसले के बाद सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में एक जैसा सिलेब्स हो जाएगा। प्राइवेट स्कूल प्रबंधक को डर है कि इसके बाद अभिभावकों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर जा सकता है। वहां पर उन्हें फीस के बोझ से भी छुटकारा मिलेगा। निजी स्कूल प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक लगाकर बड़ा कमीशन कमाते हैं।
अध्यक्ष पंकज खनी ने शिक्षा विभाग सचिव को लिखे पत्र में कहा कि सरकार सख्ती ने एनसीआरटी की किताबों को प्राइवेट स्कूलों में लागू कराए ताकि सरकारी और प्राइवेट स्कूल पढ़ाई स्तर पर समान रहे। इस फैसले से अभिभावकों की जेब का बोझ भी कम हो पाएगा।