हल्द्वानीः इंडियन मेडिकल एसोसएिशन (आईएमए) के आह्वान पर सोमवार को हल्द्वानी के निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रही। जिसके वजह से मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बेस अस्पताल के डॉक्टरों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर ओपीडी में मरीजों को देखा। वही डॉक्टरों ने सांकेतिक रूप से प्रदर्शन भी किया। वहीं सुशीला तिवारी और सरकारी अस्पताल में ओपीडी और अन्य सेवाएं सामान्य रूप से चलती रही।
आईएमए से जुड़े हल्द्वानी के सभी 92 निजी अस्पताल, क्लीनिक में सोमवार को ओपीडी सेवाएं बंद रही। इसकी वजह से दूर क्षेत्रों से हल्द्वानी पहुंचे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि निजी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं जारी रही। जिसके तलते जो गंभीर मरीज थे उनको ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। निजी अस्पतालों की ओपीडी बंद होने का कारण इसका असर सरकारी अस्पतालों में नजर आया। बेस अस्पताल और सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ। बता दें कि बेस अस्पताल में करीब 800 और सुशीला तिवारी में 1200 से अधिक मरीजों की ओपीडी दर्ज की गई। बेस अस्पताल के डॉक्टरों ने भी सांकेतिक रूप से हाथों में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया।
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देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को कहा था कि वह पहले से घोषित हड़ताल के फैसले पर कायम रहेंगे। आईएमए ने यह फैसला पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की पिटाई के बाद चल रहे आंदोलन के समर्थन में किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि देश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर आज 18 जून को सुनवाई करेगा।