हल्द्वानीः कुमाऊं विवि को देश के सर्वश्रेष्ठ 25 विश्वविद्यालयों में जगह मिली है। इंडिया टुडे के एमडीआरए के सर्वेक्षण-2019 में कुमाऊं विवि को राष्ट्रीय स्तर पर 25वीं रैंक मिली है। देश के एक हजार विश्वविद्यालयों के बीच कराए गए सर्वे में कुविवि को 25वां स्थान मिला है। ताजा सर्वेक्षण में कुविवि ने अपनी 32वीं रैंक से सात पायदान का सुधार किया है। सर्वे में पहले पायदान पर जवाहर लाल नेहरू विवि नई दिल्ली है। दिसंबर 2018 से शुरू किए गए इस सर्वे में देश के एक हजार से अधिक विश्वविद्यालय शामिल रहे। सर्वे में संस्थानों के शिक्षण, अकादमिक, शोध समेत पर्सनलिटी एंड लीडरशिप, कॅरियर प्रोग्रेशन, उपलब्धियां, मूलभूत सुविधाएं, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला की स्थिति, उपकरण, फैकल्टी, प्रशाासनिक ढांचा व अन्य गतिविधियों के अध्ययन के बाद यह रैंकिंग जारी की गई। समूह की ओर से जारी देश के टॉप-32 विश्वविद्यालयों की सूची में कुविवि को 25वें स्थान पर रखा गया है। बीते साल के सर्वेक्षण में कुविवि को 32वां स्थान मिला था। विश्वविद्यालय की उपलब्धि पर कुलपति प्रो. केएस राणा, कुलसचिव डॉ. महेश कुमार, शोध निदेशक प्रो. राजीव उपाध्याय, परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय पंत, डीआईसी निदेशक प्रो. एलएस लोधियाल, प्रो. युगल जोशी आदि ने खुशी जताई है। कुलपति प्रो. राणा ने कहा कि विवि को टॉप टेन की सूची में शामिल करना हमारा लक्ष्य है। बता दें कि कुमाऊं विवि की स्थापना 1973 में उत्तर प्रदेश राज्य विवि अधिनियम के तहत हुई थी।
छींकते हुए यूरिन कि समस्या,देखिए साहस होम्योपैथिक वीडियो टिप्स
ये हैं कुविवि की उपलब्धियां
– संरचनात्मक वृद्धि, अनुसंधान और शिक्षण में उच्च गुणवत्ता और नैक से मिला ए ग्रेड।
– विवि को क्यूएस ब्रिक्स देशों के 9500 विवि के सर्वेक्षण में 301वां और भारत में 66वां स्थान।
– प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठन आईसीआईएमओडी और हिमालया की ओर से स्थायी सदस्यता।
– भू-विज्ञान, वन विज्ञान, अणुभौतिकी और रसायन विज्ञान में शिक्षण-अनुसंधान के लिए अव्वल।
– सामाजिक विज्ञान, मानविकी के लिए महादेवी सृजनपीठ, गांधी केंद्र, महिला अध्ययन केंद्र।
– जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्वदेशी पौधे किलमोड़ा से निकाली मधुमेह की दवा के लिए अंतरराष्ट्रीय पेटेंट।
– विवि के एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में तैनात प्रो. जेएस रावत को प्रतिष्ठित जियो-स्पेशियल चेयर प्रोफेसरशिप।
– विवि के एनसीसी कैडेट ने 2018-19 में गणतंत्र समारोह में राजपथ पर अग्रगामी दल का नेतृत्व किया।