नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में लगभग हर एक नेता , कार्यकर्ता के साथ अब जनता भी चुनाव के रंग में रंगती दिख रही है। यहीं एक दुखद खबर भी सामने आ रही है। केरल के पूर्व वित्त मंत्री का मंगलवार को निधन को गया। के एम मणि वर्तमान विधायक भी थे। केएम मणि के राजनैतिक सफर की बात करें तो उनका सफर इतिहास के पन्नों पर अमर है। एम मणि जब से राजनिति में आये तब से वह विधायक ही रहे। रोचक बात यह है कि मणि लगातार 52 सालों से विधायक थे। जी हां मणि ने पाला से चुनाव लड़ा, जिसकी जीत के बाद से लगातार हर एक विधानसभा का चुनाव उन्होने अपने नाम किया।के एम मणि का पूरा नाम करिन्कोज़क्कल मणि मणि था उनके नाम में दो बार मणि आता था, यह भी मणि की पहचान का एक हिस्सा था। पाला के लोगो का कहना है कि वह किस्मत से ही नहीं बल्की अपने व्यहवार से हर बार चुनाव जीत जाते थे। पाला में मतदाताओं की पीढ़ियां बदल गई पर विधायक नहीं बदला था। पाला विधानसभा इस लिए भी मशहूर था कि वहां कोई भी पूर्व विधायक नहीं था। के एम मणि केरल कांग्रेस के नेता थे। एक बार मणि ने विधानसभा में जीत हासिल करी और तब से अब तक वही विधायक रहे। मणि ने अपना राजनैतिक सफर वार्ड से लगातार 54 साल विधानसभा तक तय करा था एक मौका ऐसा भी आया जब मणि मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गये। मणि ने केरल सरकार में वित्त मंत्री तक का सफर तय किया। के एम मणि राजनीति के हर एक दांव पेच जानते थे। वह पाला विधानसभा के हर एक व्यक्ति को उसके परिवार सहित नाम से जानते थे। मणि जब लोगों से मिलते तो व्यक्ति के घर के सदस्यों के नाम से उनका हालचाल पूछते थे ,जिससे उनकी लोकप्रियता और सादगी का अंदाजा लगाया जा सकता है। के एम मणि का 9 अप्रैल को निधन हो गया। उन्होंने कोच्चि के लाकेशोर अस्पताल में मंगलवार शाम 4: 57 बजे अंतिम सांस ली। वह 86 वर्ष के थे। उन्हें सांस से संबंधित बीमारी थी।