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हल्द्वानी चुनाव: भाजपा के गजराज सिंह बिष्ट को मिली जीत, राजनैतिक करियर पर डाले नजर


Haldwani News: Gajraj Singh Bisht: Mayor: Nagar Nigam Haldwani: नगर निगम हल्द्वानी के मेयर गजराज बिष्ट का राजनीतिक सफर बेहद लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है। वह वर्षों से भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और जनसंघ से जुड़े रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पार्टी से टिकट प्राप्त हुआ और उन्होंने चुनाव में शानदार जीत हासिल की। इससे पहले भी भाजपा ने उन्हें हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम के मेयर पद का उम्मीदवार घोषित किया था, और इस पद के लिए उनकी दावेदारी पहले से ही स्पष्ट थी।

हल्द्वानी नगर निगम की सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद से गजराज बिष्ट ने भाजपा से इस पद के लिए टिकट की उम्मीदवारी जताई थी।

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गजराज बिष्ट का राजनीतिक जीवन काफी समृद्ध है। उनका प्रोफाइल इस प्रकार है:

  • जन्म तिथि: 5 जून, 1967
  • शैक्षिक योग्यता: बीए, एमए हिंदी

गजराज बिष्ट ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1989 में की थी, जब वह युवा मोर्चा के ब्लॉक उपाध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया:

  • 1992 में एबीवीपी के जिला संयोजक
  • 1996 में एमबीपीजी छात्रसंघ के महासचिव
  • 1998 में बजरंग दल के कुमाऊं संयोजक
  • 2002 में उत्तराखंड युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष
  • 2004 में भाजपा नैनीताल के जिला महामंत्री
  • 2008 में उत्तराखंड युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष
  • 2012 में भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश प्रवक्ता
  • 2014 में भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश सदस्यता प्रमुख
  • 2016 में उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री
  • 2018-2020 तक मंडी परिषद के अध्यक्ष (राज्यमंत्री)
  • 2020 से भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य

गजराज सिंह बिष्ट को मिली जीत-2025 में बनें हल्द्वानी के महापौर

काठगोदाम-हल्द्वानी नगर निगम के मेयर पद का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के उम्मीदवार गजराज सिंह बिष्ट ने 3894 मतों से जीतकर कब्जा किया। गजराज बिष्ट को कुल 71,962 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के ललित जोशी को 68,068 वोट प्राप्त हुए।

गजराज बिष्ट ने पहले चरण में ही बढ़त बनानी शुरू की, लेकिन दूसरे चरण में उन्हें झटका लगा, जिससे कांग्रेस के ललित जोशी ने कुछ पल के लिए बढ़त हासिल की। फिर, गजराज ने तीसरे और चौथे चरण में भारी लीड बनाई, हालांकि पांचवे चरण में उनका अंतर लगभग 3,000 वोटों तक घट गया। छठे चरण में, गजराज के पक्ष में सिर्फ 3,000 वोटों का अंतर रह गया, और अंतिम चरण में ललित जोशी को केवल 688 अधिक वोट मिले, जिससे गजराज की जीत सुनिश्चित हो गई।

निर्दलीय प्रत्याशी असिस्टेंट कमांडेंट आरपी सिंह तीसरे स्थान पर रहे, उन्हें 2,531 वोट मिले। अन्य उम्मीदवारों में बसपा के शिव गणेश को 1,088 और उक्रांद के मोहन कांडपाल को 414 वोट मिले।

नगर निगम क्षेत्र में कुल 2,42,452 मतदाता थे, जिनमें से 1,58,646 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। पहले राउंड में गजराज को 13,932 वोट मिले, जबकि ललित जोशी को 12,769 वोट मिले। दूसरे राउंड में ललित जोशी ने 14,092 वोट प्राप्त किए, जबकि गजराज को 13,269 वोट मिले। तीसरे राउंड में गजराज ने फिर बढ़त बनाई और 15,117 वोट प्राप्त किए, जबकि ललित जोशी को 12,515 वोट मिले। चौथे राउंड में गजराज को 14,727 वोट मिले, जबकि ललित जोशी को 11,572 वोट मिले। पांचवे राउंड में कांग्रेस को 15,202 वोट मिले, जबकि भाजपा को 12,341 वोट मिले। छठे और अंतिम राउंड में गजराज को 2,484 और ललित जोशी को 1,796 वोट मिले।

इस चुनाव में 823 मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को खारिज करते हुए “नोटा” (None of the Above) का उपयोग किया। पहले राउंड में नोटा को 163, दूसरे में 185, तीसरे में 135, चौथे में 172, पांचवे में 126 और छठे चरण में 40 वोट मिले। कुल मिलाकर नोटा को 823 वोट प्राप्त हुए।

साथ ही, चुनाव में 6,769 मत रद्द हुए, जिनमें पहले राउंड में 1,351, दूसरे में 1,099, तीसरे में 1,192, चौथे में 1,512, पांचवे में 1,457 और छठे राउंड में 145 वोट रद्द हुए।

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