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दमुवाढुंगा क्षेत्र में मालिकाना हक पर फैसला करें सरकार नहीं तो आंदोलन का रास्ता है तैयार

हल्द्वानी: दमुवाढुंगा क्षेत्र में मालिकाना हक का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। चुनाव आने से पहले चारों दिशाओं में इसकी चर्चाएं हो रही हैं। सरकार लोगों को राहत देने की बात कर रही है तो वहीं विपक्ष भी इस काम में पीछे नहीं है लेकिन इस बार दमुवाढुंगा क्षेत्र की जनता ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें हक नहीं दिया जाता है तो जन आंदोलन होगा और सरकार इसकी जिम्मेदार होगी।

शनिवार को कांग्रेस प्रदेश महासचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता गोविन्द बिष्ट और प्रदेश सचिव विजय चंद्र के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने एक प्रेस वर्ता की। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिन के अंदर सरकार मालिकाना हक नहीं देती है तो हम आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इसे चुनाव के नजरिए से देख रही है लेकिन क्षेत्र के लोग पिछले कई सालों से मानसिक पीड़ा में जी रहे हैं। साल 2014 में कांग्रेस सरकार ने दमुवाढुंगा क्षेत्र को नगर निगम हल्द्वानी में भी शामिल किया गया था लेकिन अभी तक लोगों को मालिकाना हक नहीं मिला है।

स्थाई लोगों ने भी साफ किया कि ये एक चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि लाखों लोगों की भावना का मुद्दा है। हर बार अपने फायदे के लिए हमारा इस्तेमाल होता है लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा। यदि 15 दिन के भीतर दमुवाढुंगा क्षेत्र में आने वाले तीन वार्ड के लोगों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो सरकार जन आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार से जुड़ा कोई व्यक्ति इलाके में आता है तो वह घोषणा से पहले गजट नोटिफिकेशन लेकर आए केवल चुनावी वादे करने के लिए नहीं। यदि 2016 में कांग्रेस सरकार द्वारा जारी शासनादेश के क्रियान्वयन के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है तो जनता उग्र आंदोलन करेगी।

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