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मैदान पर फिर छाएंगे हल्द्वानी के युवा, नए सीजन के लिए फैंस को खासा उम्मीद


हल्द्वानी: आईपीएल-13 की तारीख सामने आने के बाद घरेलू क्रिकेट का कलेंडर तैयार करने पर मंथन चल रहा है। इस साल कोरोना वायरस के चलते घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट को छोटा किया गया है। सीनियर केवल में केवल टी-20 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी खेली जाने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आईपीएल के खत्म होने के बाद घरेलू क्रिकेट शुरू हो जाएगा। हालांकि यह कोरोना वायरस की स्थिति पर निर्भर करेगा। अगर मामलों में बढ़ोतरी होती है तो सीजन को आगे किया जा सकता है।

हल्द्वानी में भी क्रिकेट को लेकर युवाओं को जोश कम नहीं रहता है। शहर के कई युवा राज्य की टीम का हिस्सा हैं। पिछले साल क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की ओर से खेलते हुए सभी का प्रदर्शन अच्छा रहा था। इस लिस्ट में बल्लेबाज भी शामिल हैं और गेंदबाज भी। सीजन की तैयारी शुरू होने लगी हैं तो फैंस भी उम्मीद है कि एक बार फिर ये सभी खिलाड़ी टीम की नैया पार लगाएंगे और उत्तराखंड जल्द घरेलू क्रिकेट सर्किट में पहचान बनाने में कामयाब होगा।

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दिक्षांशु नेगी: यह बल्लेबाज पहली बार उत्तराखण्ड के लिए मैदान पर उतरा और सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इससे पहले नेगी कर्नाटका प्रीमियर लीग में खेलते थे। बतौर टी-20 खिलाड़ी वह चर्चा में रहते थे लेकिन उन्होंने अपने गेम को फॉर्मेंट के हिसाब से बदला और उत्तराखंड के लिए 2019-20 सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाए। दिक्षांशु ने रणजी के 9 मुकाबले में 450 रन बनाए। उनके बल्ले से तीन फिफ्टी निकली। उनका बेस्ट 81 रहा। 17 पारियों में 3 बार वह नॉट आउट रहे। अधिकतर मौकों पर दिक्षांशु जब भी मैदान पर उतरे टीम संकट से जूझ रही थी। कई क्रिकेट विशेषज्ञों की कहा था कि अगर दिक्षांशु की तरह कुछ अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन रहता तो शायद प्वाइंट टेबल पर उत्तराखण्ड का हाल कुछ और हो सकता था।

सौरभ रावत: उत्तराखण्ड के लिए पहला दोहरा शतक जमाने वाले इस बल्लेबाज ने टीम के लिए सीजन (रणजी ट्रॉफी 2019-2020) का पहला शतक जमाया था। सौरभ ने झारखंड के खिलाफ 110 रनों की पारी खेली थी। रणजी ट्रॉफी में सौरभ ने 18 पारियों में 432 रन बनाए। उनके बल्ले से 1 शतक और दो फिफ्टी भी निकली। जबकि विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने ताबडतोड़ बल्लेबाजी की थी। उन्होंने विजय हजारे में करीब 112 के स्ट्राइक रेट से 124 रन बनाए थे। वहीं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 135.6 के स्ट्राइक रेट से 156 रन बनाए। विजय हजारे में सौरभ ने असम के खिलाफ 6 छक्के जमाए थे। इसके अलावा चंडीगढ़ के खिलाफ उन्होंने टीम की कमान भी संभाली थी।

मयंक मिश्रा: इस खिलाड़ी का नाम इतिहास के पन्नों पर हमेशा के लिए दर्ज हो गया है। उत्तराखण्ड के लिए घरेलू क्रिकेट में मयंक हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में गोवा के खिलाफ ये कारनामा किया था। इसके अलावा रणजी ट्रॉफी में वो राज्य की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बनें। उनके खाते में 6 मुकाबलों में 18 विकेट रहे। पूरे सीजन में उन्होंने 27 विकेट हासिल किए। विजय हजारे में मयंक बेस्ट इकोनॉमी के मामले में सबसे आगे रहे थे। उत्तराखण्ड ने सिक्किम को 253 रनों से हराकर रिकॉर्ड जीत हासिल की। इस मुकाबले में मयंक ने 4.1 ओवर में 3 मेडन डाले और 2 विकेट भी लिए। इस दौरान उन्होंने केवल 2 रन दिए। पहले ही मैच में अपने प्रदर्शन से मयंक बेस्ट इकोनॉमी (0.48) गेंदबाजों ( एक पारी ) की सूची में पहले नंबर पर काबिज रहे।

कमल कन्याल– कमल के बल्ले ने पूरे सीजन रनों का अंबार लगा दिया। अंडर-19 के पूरे सीजन में कमल ने 4 शतक जड़े। वनडे में कमल ने 4 पारियों में 243 रन बनाए थे, जिसमें दो फिफ्टी और एक शतक शामिल है। कूच बिहार ट्रॉफी के 9 मैच में 805 रन कमल के बल्ले से निकले। तीन शतक जिसमें एक दोहरा शतक जमाया। इसके बाद उन्हें महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी टीम में चुना गया और डेब्यू में कमल ने शतक जड़ दिया। वह उत्तराखण्ड के लिए ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बनें। दूसरी पारी में भी उन्होंने फिफ्टी जमाई। यह इस सीजन का पहला मौका था जब उत्तराखण्ड ने विरोधी टीम पर बढ़त बनाई थी लेकिन इसके बाद भी वह मैच हार गया।

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