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नैना पीक के बाद अब सड़कों में बने गहरे गड्ढे,दहशत में नैनीतालवासी


नैना पीक के बाद अब सड़कों में बने गहरे गड्ढे,दहशत में नैनीतालवासी

नैनीतालः सरोवर नगरी के लोगों की रातों की नींद उड़ी हुई है। शहरवासी दहशत में जी रहे हैं। क्योंकि नैनीताल में नैना पीक की तलहटी का क्षेत्र संवेदनशील होता जा रहा है। बीते दिनों यहां लगभग 100 फीट लंबी और आधे से तीन फीट तक चौड़ी दरार नजर आई थी।और अब मंगलवार को टांकी बैंड के निकट सड़क पर गहरे गड्ढे दिखाई दिए। इनके आस-पास सड़क में भी दरार दिखाई दी।

बता दें कि एक गड्ढा तो अंदर से बहुत गहरा है और सुरंग जैसा दिखाई दे रहा है। नैनी पीक सबसे ऊंची चोटी होने के साथ-साथ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है। और आसापास के इलाकों में गड़ढे और दरारें के वजह से हादसें होने खतरे ज्यादा बड़ सकते हैं। पूर्व सभासद भूपाल सिंह कार्की का कहना है कि टांकी बैंड के पास सड़क में बने गड्ढे और दरारों से लोगों में दहशत है। सड़क की हालत खराब होने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों में दहशत इसलिए ज्यादा है क्योंकि बारिश का मौसम पास आने के वजह से गड़ढें और दरार के बढ़ने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।

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बता दें कि साल 1987 में भी नैना पीक में दरार आने से खासा नुकसान हुआ था, लेकिन तब प्रशासन ने पहाड़ी में हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए थे। इसी साल 29 जनवरी और 2 फरवरी को नैना पीक की पहाड़ी में भूस्खलन हुआ था और विशाल बोल्डर भी गिरे थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग, जीएसआई, आपदा प्रबंधन और भू वैज्ञानिकों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया था और पहाड़ी के ट्रीटमेंट संबंधी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। बता दें कि नैना पीक समुद्र सतह से 2610 मीटर की ऊंचाई पर है। इसकी तलहटी में उच्च न्यायालय, उत्तराखंड प्रशासन अकादमी सहित कई होटल स्थित है। प्रशासन को जल्द ही इस विषय पर कार्य करना होगा। शहरवासियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन को जल्द ही इसपर बड़े कदम उठाने होंगे। शहर के लोग जहां एक तरफ कोरोना वायरस के मामले आने से काफी डरे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ नैना पीक में दरार और आस पास की सड़कों में गड़ढें होने के वजह से से वे और भी ज्यादा दहशत में आ गए हैं। मुख्यमंत्री और डीएंम को इस संबंध में ज्ञापन देकर ठोस कार्रवाई की मांग की गई है।

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