मुखानी चौराहे में जाम की परेशानी पिछले कई सालों से काफी बढ़ गई है। प्लाइओवर का मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो प्रशासन हरकत में आया और फिर अतिक्रमण को हटाया गया। इसके अलावा चारों कोनें को 200-200 मीटर चौड़ा कर नाली का निर्माण कराया गया। बता दें कि मुखानी चौराहे पर फ्लाईओवर निर्माण की संभावनाएं तलाशने के लिए फरीदाबाद की क्राफ्ट कंपनी का चयन किया गया था। क्राफ्ट रिंग रोड का प्रथामिक सर्वे कर चुकी है। टेंडर जारी करने करने के साथ लोक निर्माण विभाग ने शासन से साढ़े 18 लाख रुपए की डिमांड की है। अधिकारियों की मानें तो मुख्य फोक्स प्लाईओवर पर है लेकिन तकनीकी दिक्कत आने पर एलिवेटेड रोड को प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। इसके बारे में विभाग ने कंपनी को बता दिया है।
क्यों बनाया जाता है एलिवेटेड रोड
एलिवेटेड रोड का निर्माण उन जगहों पर होता है, जहां ट्रैफिक ज्यादा रहती है। एलिवेटड रोड तकनीकी रूप से एक पुल की तरह होता है। वैसे इलाकों में एलिवेटेड रोड निर्माण को प्राथमिकता दी जाती है, जहां घनी आबादी की वजह से जमीन का अधिग्रहण मुश्किल हो जाता है। इसके अतिरिक्त नजदीकी इलाकों को भी एलिवेटड रोड के सहारे जोड़ा जा सकता है। आज दुनिया भर के वैसे शहर जहां आबादी घनी और ट्रैफिक ज्यादा है, वहां एलिवेटेड रोड के निर्माण में वृद्धि देखी जा रही है।