हल्द्वानी: करीब पांच साल पहले शहर को हिला कर रख देने वाले लाड़ली दुष्कर्म केस में नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी की फांसी की सजा को बरकार रखा है। बता दें कि निचली अदालत द्वारा आरोपी को पहले ही फांसी की सजा सुनाई गई थी।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने नैनीताल जिला अदालत के निर्णय को सही ठहराया। जिसमें चार वर्षीया बालिका के दुष्कर्म, हत्या के दोषी ट्रक ड्राइवर अख्तर अली को फांसी की सजा दी गयी है।
शादी में पहुंचा था पीडित परिवार
साल 2014 में नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में इस जघन्य अपराध ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था। पीडित परिवार हल्द्वानी में शादी में शिरकत होने के लिए पहुंचा था। इसी बीच शादी से बच्ची गायब हो गई थी। उसका शव नदी किनारे बरामद हुआ था। इसके बाद पूरे हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन हुआ था और बच्ची को इंसाफ दिलाने की मांग उठी। बाद में नदी के किनारे से बरामद हुआ था। समाज में घटना पर भड़के आक्रोश के बाद मीडिया में आई खबरों में उस बच्ची को लाडली का नाम दिया गया। घटना की छानबीन के बाद इस संबंध में ट्रक ड्राइवर अख्तर अली का नाम सामने आया था जिसे बाद में पंजाब से गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी अख्तर अली को निचली अदालत से फांसी की सजा मिली थी। दूसरे आरोपी प्रेम पाल को पांच साल की सजा मिली थी। जबकि तीसरा आरोपी जूनियर मैस्सी बरी कर दिया गया था।
कोर्ट के फैसले से लाडली के परिजन संतुष्ट हैं। फैसले के बारे में सुनकर बच्ची की मां की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में जल्द निर्णय होना चाहिए। यह फैसला दूसरों के लिए भी सबक बनेगा। परिवार के सदस्य बोले कि फैसले के इंतजार में उन्हें लंबा मानसिक कष्ट झेलना पड़ा।