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परिवार से पहले हल्द्वानी के डॉक्टर अंकित कांडपाल ने समाज के प्रति फर्ज को चुना


हल्द्वानी: दुनिया की मौजूदा स्थिति बेहद खराब है। किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि एक वायरस इतनी तबाही मचा देगा। दिन बीत रहे हैं लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित और मृत्यु का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। भारत में लॉकडाउन घोषित है और कुछ हद हम अन्य विकसित देशों की तुलना में बेहतर स्थान पर हैं । भारत में कोरोना वायरस के 12 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इस महामारी को मात देने के लिए कोरोना वॉरियर्स लगातार का प्रयास इस धरती के इतिहास में अमर हो गया है। अपने परिवार को छोड़ वह सभी मानवजाति की रक्षा करने में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतवर्ष से कोरोना वॉरियर्स को सहयोग करने की बात कही है। आज हम एक ही ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो उत्तराखंड में अपनी सेवा दे रहे हैं। राज्य में कोरोना वायरस के 37 मामले सामने आए हैं लेकिन 9 लोगों ने इस बीमारी को मात दी हैं। इनकी हिम्मत डॉक्टर्स ने ही बांधी और ये बात खुद मरीजों द्वारा कही गई है। हल्द्वानी के रहने वाले डॉक्टर अंकित कांडपाल भी अपना परिवार छोड़ इस बीमारी को मात देने के लिए परिश्रम में जुटे हुए हैं। मौजूदा वक्त में वह ऊधमसिंह नगर मुख्यालय रुद्रपुर में सेवाएं दे रहे हैं। वह लगातार हल्द्वानी से रुद्रपुर पहुंचते हैं। बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रनिंग की जाती है और 24 घंटे ड्यूटी के लिए तैयार रहते हैं।

कुछ दिन पहले डॉक्टर अंकित द्वारा पोस्ट ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। डॉक्टपर साहब ने उसमें सामाजिक दूरी के साथ एक अन्य नियम फॉलो करने का आग्रह जनता से किया था। प्रत्येक व्यक्ति एक छोटी नोटबुक हमेशा साथ में रखे और हर दिन जिन-जिन व्यक्तियों के संपर्क में आप आते हो, एक पन्ने पर उनका नाम लिखते जाए। इस प्रकार यदि हम कोरोना से संक्रमित होते है तो प्रशासन को हमारे संपर्क में आए सभी लोगों का पता लगाने में मदद मिलेगी। इसे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कहते है। इस संदेश को अपने आस पास अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं। छोटी से छोटी मदद काम आएगी। इससे कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

इस महामारी से जंग जितना ही उन्होंने मौजूदा वक्त का सबसे बड़ा लक्ष्य बनाया हुआ है। परिवार है उससे ज्यादा उन्होंने अपने फर्ज को आगे रखा हुआ है। यह काम बिल्कुल भी आसान नहीं है। जिन लोगों को प्रशासन ने कोरोना वायरस हेतु क्वारंटाइन किया हुआ है उनकी जांच के लिए लगातर जाना पड़ता है। कोरोना वॉरियर्स अपनी जान को जोखिम में डालकर जनता की रक्षा कर रहे हैं और ये हमारा फर्ज बनता है कि घर पर रहकर उनके परिश्रम को जीत में तब्दील करने में सहयोग देना है। परिजन कहते हैं कि वो अपना फर्ज निभा रहे हैं। हम ईश्वर से कामना करते हैं कि इस मुश्किल से सभी निकल जाए।

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