हल्द्वानी: शहर को साफ रखना है तो जनता को भी सहयोग करना होगा। ये हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि घर का कूड़ा नालियों में व अन्य खेतों में लोग फेंक देते हैं। इसके अलावा जो गाड़ियां कूड़ा उठाने आती है, उसे भुगतान करने में भी वह कतराते हैं। हमें इस आदत को बदलने की जरूरत है। शुल्क नहीं देने पर नगर निगम को राजस्व का नुकसान होता है।
एक आंकड़े के अनुसार शहर में डोर-टू-डोर कैंपन के तहत कूड़ा उठाने वाली कंपनी को केवल 40 प्रतिशत शुल्क ही प्राप्त हो रहा है। बाकि का शुल्क नगर निगम द्वारा कंपनी को दिया जा रहा है। अब जो लोग कूड़ा उठाने का शुल्क नहीं देंगे उन्हें निगम की ओर से फोन किया जाएगा, इसके लिए दो लोग ड्यूटी पर तैनात किए जाएंगे। शुल्क नहीं देने पर उनके घर से कूड़ा नहीं उठाया जाएगा। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने कूड़ा उठाने वाली कंपनी से शुल्क नहीं देने वालों की सूची मांगी है। उन्होंने साफ किया है कि लिस्ट नहीं दिए जाने पर कंपनी का पैसा काटा जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया में नगर निगम पर भी सवाल उठा रहे हैं। कई बार गाड़ियां वक्त रहते नहीं पहुंचती है। इसके अलावा कई दिन का गैप भी हो जाता है। लोगों का कहना है कि नगर निगम को इस व्यवस्था पर नजर बनाए रखनी चाहिए। वह लोगों पर शुल्क नहीं जमा करने की बात कर अपनी कमियों को नहीं छिपा सकता है। जो लोग शुल्क नहीं जमा कर रहे हैं उनसे कारण भी पूछा जाना चाहिए। बता दें कि नगर निगम ने डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने का ठेका एक कंपनी को दिया है। इसके तहत कंपनी की गाड़ी लोगों के घर-घर में जाएगी। जहां गाड़ियां नहीं जाएंगी वहां पर हाथ वाले ठेलों से कूड़ा उठाया जाएगा। नगर निगम ने कंपनी को 10 लाख रुपए का भुगतान करता है लेकिन वसूली केवल 4 लाख रुपए की हो रही है। कंपनी प्रतिटन के हिसाब से रुपए लेती है। अगर कंपनी पूरा पैसा वसूल नहीं करती है तो कंपनी से पैसे वसूले जाएंगे।