नैनीताल: पर्यटकों को कोरोना वायरस सुरक्षा हेतु जागरूक करने के लिए नैनीताल जिला प्रशासन ने नए प्लान को फ्लोर पर उतार दिया है। प्रशासन ने साफ किया है कि कोरोना नियमों की लापरवाही पर्यटकों को महंगी पड़ सकती है, इसलिए सभी नियमों के साथ नैनीताल सैर करने पहुंचे। पिछले दिनों नैनीताल में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे। इस दौरान कई लोगों ने मास्क नहीं पहना था और टोकने पर वह विवाद खड़ा कर रहे थे। ऐसे में अब जो सैलानी मास्क नहीं पहनेगा, उसकी कोरोना जांच होगी। जांच में अगर वह कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन होना पड़ेगा। यह नियम स्थानीय लोगों के लिए भी लागू किया गया है। कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन पहले से रैंडम सैंपलिंग कर रहा है। बीते दिनों दो पर्यटक कोरोना संक्रमित निकले थे और उन्हें वापस भेज दिया गया था।
नैनीताल के पर्यटक स्थलों में वीकेंड पर सैलानियों की भीड़ बढ़ रही है। कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन के कई मामले सामने आ गए हैं। ऐसे में इन्हें रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सैलानियों के प्रवेश के लिए कड़े नियम बनाए हैं। सबसे जरूरी सैलानियों के लिए स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण , निगेटिव कोविड रिपोर्ट और होटल बुकिंग की अनिवार्यता रखी गई है। जिला प्रशासन ने सैलानियों के दोपहिया वाहनों के प्रवेश पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था।
इस बारे में डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि वीकेंड पर सरोवर नगरी पहुंचने वालों के वाहनों को रूसी और नारायण नगर स्थित अस्थाई पार्किंगों में ही खड़ा किया जाएगा। वह शटल सेवा से नैनीताल पहुंचेंगे। दो पहिया वाहन पर प्रतिबंध जारी रहेगा। सैलानियों को अपना वाहन अस्थायी पार्किंग में खड़ा करना होगा। कोरोना वायरस की गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पैनी नजर रख रही है।