हल्द्वानी: रविवार रात को छतरी चौराहे के पास नए बाजार में लगी आग के चलते कई दुकाने पूर्ण रूप से जल गई। शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की खबर सामने आई है। फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही आग की लपटों ने सभी दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया था। इसके बाद दमकलकर्मी और स्थानीय लोग आग बुझाने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए नजर आए। आग के कारण बाजार में अफरातफरी का माहौल बन गया, जबकि आसपास की दुकानों के मालिक इस चिंता में थे कि आग की लपटें उनकी दुकानों तक न पहुंच जाएं। दमकलकर्मियों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार रात करीब 8 बजे नया बाजार स्थित एक दुकान में आग लग गई। आग बुझाने से पहले ही यह अन्य दुकानों तक फैल गई। लकड़ी और टिनशेड की बनी दुकानों के कारण आग तेजी से बढ़ी और कुछ ही मिनटों में सब कुछ जलकर खाक हो गया। जिन दुकानों में आग लगी, उनमें एक गांधी आश्रम की दुकान, दूसरी जूतों की दुकान, तीसरी बैग-अटैची की दुकान, चौथी कपड़ों की दुकान और पांचवी जनरल स्टोर शामिल थी। इन सभी दुकानों का पूरी तरह से नुकसान हो गया और दुकान मालिकों ने लाखों रुपये के नुकसान की जानकारी दी है।
हल्द्वानी के नया बाजार में दुकानों में लगी आग के दौरान घटनास्थल से महज 200 मीटर दूर स्थित फायर हाइड्रेंट काम नहीं कर रहा था। फायर हाइड्रेंट के काम न करने से दिवाली के दौरान हुई संयुक्त जांच पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का आरोप है कि अगर फायर हाइड्रेंट सही तरीके से काम करता, तो दुकान मालिकों को 50 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान नहीं होता।
बाजार क्षेत्र में फायर हाइड्रेंट मौजूद हैं और दिवाली के समय स्थानीय प्रशासन, फायर ब्रिगेड और जल संस्थान की टीम ने इनका संयुक्त निरीक्षण किया था। उस समय टीम ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि बाजार क्षेत्र के फायर हाइड्रेंट सही स्थिति में हैं। लेकिन रविवार को जब आग लगी, तो घटनास्थल से महज 200 मीटर दूर स्थित फायर हाइड्रेंट काम नहीं आया।
लोगों का कहना है कि फायर टेंडर को पानी भरकर लाने में आधे घंटे का समय लग गया। जब फायर टेंडर खाली हुए, तो आग और भड़क गई। उनका आरोप है कि यदि फायर हाइड्रेंट सही स्थिति में होते, तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी ने फायर हाइड्रेंट और पानी की आपूर्ति व्यवस्था में पाई गई खामियों पर एक्शन लिया है। उन्होंने विभिन्न विभागों, विशेषकर अग्निशमन विभाग, जल संस्थान, और जल निगम से जवाब तलब किया है।
उक्त अग्निकांड की सूचना आपके कन्ट्रोल रूम को कितने बजे प्राप्त हुई ? 2. सूचना प्राप्त होने पर आपकी टीम एवं अग्निशमन वाहन घटनास्थल हेतु कितने बजे रवाना हुई ?
आपके कन्ट्रोल रुम अथवा आपके किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किस दूरभाष नम्बर से जल संस्थान के किस अधिकारी/कर्मचारी के किस दूरभाष नम्बर पर नजदीकी फायर हाइड्रेण्ट को क्रियाशील करने हेतु कितने बजे सूचित किया गया ?
इसके अतिरिक्त जल निगम अथवा जल संस्थान द्वारा आसपास में संचालित ट्यूबवलो जिनमें फायर हाइड्रेण्ट स्थापित है उनके अधिकारियो/कर्मचारियों को पानी की आपूर्ति के लिये ट्यूबवेल संवालित करने हेतु किस दूरभाष नम्बर द्वारा कितने बजे किस नम्बर पर सूचना दी गयी ?
इसके अतिरिक्त आपके कन्ट्रोल रुम द्वारा किन अधिकारियों को अग्निकाण्ड की सूचना दी गई ? अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि उक्त के सम्बन्ध में आख्या पूर्ण विवरण