हरिद्वार: विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस को मिली हार ने कई सारे सवालों को जन्म दे दिया है। उत्तराखंड में दो बार सत्ता में आने वाली पार्टी आज 20 के आंकड़े को पार करने में भी असहज महसूस कर रही है। हरीश रावत, जिनके कंधों पर चुनाव लड़ा गया, खुद अपनी सीट नहीं जीत सके। उन्हें लालकुआं में भाजपा के डॉ. मोहन सिंह बिष्ट के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि हरदा के परिवार के लिए गम के साथ साथ खुशखबरी भी आई है। दरअसल हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने हरिद्वार ग्रामीण सीट से अपने पिता की हार का बदला ले लिया है।
बता दें कि लालकुआं सीट से हरीश रावत को भाजपा प्रत्याशी डॉ. मोहन बिष्ट के हाथों 17359 वोटों के मार्जिन से करारी हार मिली है। जहां मोहन बिष्ट को 45934 वोट पड़े। वहीं हरीश रावत को केवल 28575 वोटों से संतोष करना पड़ा। ये हार हरीश रावत को लंबे समय तक चुभ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके भरोसे पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था। लेकिन हरिद्वार ग्रामीण सीट से हरदा के लिए अच्छी खबर आई है। उनकी बेटी अनुपमा रावत ने भाजपा से दो बार के विधायक और मौजूदा समय में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे स्वामी यतीश्वरानंद को हराया है।
गौरतलब है कि अनुपमा रावत ने स्वामी यतीश्वरानंद को हराकर उनका हैट्रिक लगाने का सपना तोड़ दिया है। आपको याद दिला दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनावों में हरीश रावत ने 2 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा था। उन्हें दोनों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इन सीटों में एक सीट हरिद्वार ग्रामीण सीट थी। हरिद्वार ग्रामीण से स्वामी यतिश्वरानंद ने हरीश रावत को 12278 वोटों के बड़े मार्जिन से हराया था। इसके अलावा उन्हें किच्छा विधानसभा सीट पर विधायक राजेश शुक्ला के हाथों हार मिली थी।
अब बेटी अनुपमा रावत ने हरिद्वार से पिता की हार का बदला तो लिया ही है। इसके साथ ही उन्होंने कैबिनेट मंत्री को हराकर बड़ा संदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि स्वामी यतीश्वरानंद का कद पिछले कार्यकाल में लगातार बढ़ा था। ऐसे में बड़े नेता को हराकर अनुपमा रावत ने पूरे उत्तराखंड को अपनी काबिलियत का परिचय दिया है। बता दें कि कांग्रेस को प्रदेश में 19 सीट मिली हैं। जबकि भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा दो-दो सीटें निर्दलीय प्रत्याशी और बसपा के खाते में गई हैं।