खटीमा: जवानों की शहादत की खबर आंखें नम भी करती हैं और ये आभास भी कराती हैं कि हमारे लिए कोई जवान सीमा पर खड़ा है। ऐसे ही आसाम राइफल्स के हवलदार झनकट निवासी हयात सिंह बीते दिनों शहीद हो गए। जिनका पार्थिव शरीर निवास पर पहुंचने के उपरांत सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
31 आसाम राइफल्स में मणिपुर में तैनात 48 वर्षीय हयात सिंह महर पुत्र त्रिलोक सिंह 1992 में सेना में भर्ती हुए थे। पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील के ग्राम जमतड़ मूल निवासी हयात सिंह परिवार से साथ झनकट डिफेंस कॉलोनी में रहते थे।
यह भी पढ़ें: दुखद:चमोली निवासी सचिन कंडवाल सड़क हादसे में शहीद,55 बंगाल इंजीनियरिंग में थे तैनात
यह भी पढ़ें: नैनीताल बैंक में सैंकड़ो पदों पर हो रही है भर्ती, 31 जुलाई से पहले करें आवेदन
सूबेदार पूरन सिंह ने बताया कि शहीद हयात सिंह महर का उल्फा उग्रवादियों ने 12 जुलाई को अपहरण कर लिया था और 16 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर मिला था। खराब मौसम के कारण हवाई यात्रा रद्द होने की वजह से अब बुधवार की सुबह शव निवास स्थान पहुंचा।
शहीद के पार्थिव शरीर के निवास पर पहुंचते ही परिवार जन टूट पड़े। इसी दौरान शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। बनबसा छावनी स्थित 8 जेकलाई रेजीमेंट के जवानों ने शहीद के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
यह भी पढ़ें: होटल और रेस्टरां के लिए नई गाइडलाइन जारी, नैनीताल डीएम का आदेश देखेंयह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जल्द खोले जा सकते हैं स्कूल, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी किया इशारा
बाद में शारदा घाट में जेकलाई रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें सलामी दी और फिर शहीद का अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान विभिन्न केई नेता, गणमान्य लोग व परिजन मौजूद रहे।
बता दें कि शहीद हवलदार हयात सिंह के घर में पत्नी चंद्रा महर के अलावा पुत्री रेखा (21) व पुत्र अमित सिंह महर (18) हैं। शहीद की पुत्री रेखा बीएससी व पुत्र अमित बीटेक की पढ़ाई कर रहे है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जल्द खोले जा सकते हैं स्कूल, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी किया इशारा
यह भी पढ़ें: हल्द्वानी डिपो के दो चालकों को नौकरी से निकाला गया, दारू पीकर चलाई थी बस