नैनीताल: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि जनसुनवाई के दौरान संज्ञान में आया है कि विक्रेताओं द्वारा माल अभिलेखों मे दर्ज रकबे से अधिक भूमि विक्रेतागणों को विक्रय कर दी जाती है। उन भूखण्डों में क्रेता के नामान्तरण होने के बाद माल अभिलेखों में भूमि के रकबे में अंतर है। जिससे क्रेताओं/वादकारियों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आगे पढ़ें…
इसके अलावा विवाद की स्थिति में विभिन्न न्यायालयों में अनावश्यक वाद दर्ज होने की सम्भावना बनी रहती है। इस प्रकरण को आयुक्त ने गम्भीरता से लिया है। कुमाऊं मण्डल के सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को निर्देश दिये हैं कि भू-खण्डों के नामान्तरण करते समय उपरोक्त तथ्यों का भली-भांति परीक्षण करते हुये नामान्तरण की प्रक्रिया में सावधानी बरतना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा यदि किसी तहसीलान्तर्गत इस प्रकार के प्रकरण परिलक्षित हो रह हैं तो आगामी एक पक्ष के अन्दर उन प्रकरणों में कार्यवाही कर सूचना जिलाधिकारी के माध्यम से आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा की भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति होने पर कार्रवाई की जायेगी।