हल्द्वानी: पुलवामा के पिंगलिना में सेना का आतंकियों के साथ एनकाउंटर में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार देर रात उनके घर देहरादून पहुंचा। इसके बाद पूरे घर में मातम छा गया। वो अपने घर के एकलौते बेटे थे। उनकी तीन बहने हैं। शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की शादी पिछले साल अप्रैल में हुई थी।
मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंच चुके हैं। इस वक्त ये खबर सामने आई उस वक्त पूरा राज्य शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट को नम आंखों से विदाई दे रहा था। पुलवामा में हुई घटना ने पूरे देश को तोड़कर रख दिया है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में रविवार रात 12 बजे से चल रहे एनकाउंटर में सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों को ढेर कर दिया है। इसमें पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड गाजी राशीद भी मारा गया है। सोमवार सुबह तक चली इस मुठभेड़ में 55 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर विभूति समेत चार जवान शहीद हुए हैं।
उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले थे। पिछले साल अप्रैल में ही उनकी शादी हुई थी। वो तीन बहनों के अकेले भाई थे। मेजर विभूति 55 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। हमले के बाद शुरू हुए एनकाउंटर के दौरान वो आतंकियों को घेरे हुए थे, तभी गोली लगने से उनकी मौत हो गई। मेजर का घर देहरादून के नेश्र्विवला रोड के 36 डंगवाल मार्ग पर है। मेजर के पिता की कंट्रोलर डिफेंस अकाउंट ऑफिस में थे और उनका देहांत हो चुका है।
घर में उनकी दादी, मां और पत्नी रहती हैं। उनकी मां दिल की मरीज है और उनका इलाज चल रहा है। इसके चलते उन्हें इस बारे में देर रात तक नहीं बताया गया। उनकी पत्नी निकिता कौल सोमवार को दिल्ली स्थित घर जा रही थी और बीच रास्ते में उन्हें अपने पति की शहादत की खबर मिली। हिम्मत जुटा का निकिता पहले घर गई और फिर वहां से देहरादून पहुंची। शहीद की एक बहन अमेरिका में रहती है। वहीं दो बहने कल घर पहुंच गई थी।