नरेंद्रनगर: बेटियां बेटों से कम हैं क्या। जी नहीं, बिल्कुल भी नहीं हैं। मनीषा तड़ियाल जैसी बेटियों को देख कर कोई व्यक्ति ये सवाल अपने मन में ला तक नहीं सकता। उत्तराखंड में सेना में जाने का जो जज्बा लड़कों में देखा जा सकता है, हुबहु वही हौसला यहां की बेटियों की आंखों में भी नज़र आता है। नरेंद्रनगर ब्लॉक के मौण गांव की मनीषा तड़ियाल ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार के साथ साथ पूरे गांव, पूरे इलाके के वासियों को अनोखे खुशी के पल दिए हैं। सेना में भर्ती होने के लिए मनीषा ने कई नौकरियों को भी ठुकराया है।
गढ़वाल मंडल के नरेंद्रनगर ब्लॉक स्थित मौण गांव निवासी मनीषा तड़ियाल को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद दिल्ली के सेना के अस्पताल में तैनाती मिली है। मनीषा की शिक्षा के बारे में बात करें तो उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज चंबा से की है। इसके बाद मनीषा ने हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग से बीएससी नर्सिंग की डिग्री पूरी की। बहरहाल पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के कई एक मौके मनीषा के पास आए लेकिन उनके करीबी बताते हैं कि वे हमेशा से ही सेना की वर्दी पहन देश सेवा करना चाहती थीं।
इसी का कारण ये रहा कि मनीषा ने हर मौके को ठुकरा कर अपने सपने पूरे करने के लिए दौड़ना जारी रखा। नतीजतन अब कड़ी मेहनत के दम पर मनीषा अपने सपने को साकार करने में कामयाब रहीं। बता दें कि उद्योग निदेशालय देहरादून में कार्यरत लेफ्टिनेंट मनीषा के पिता गंभीर सिंह तड़ियाल बेटी की इतनी बड़ी उपलब्धि से बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया बेटी का सपना साकार हुआ और उसकी मेहनत सफल रही। इससे अधिक गर्व की बात कुछ नहीं हो सकती की हमारी बेटी देश सेवा करेगी।
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