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मोबाइल पर एक मई से देशी भाषा होना जरूरी नहीं तो सरकार लगाएगी जुर्माना


नई दिल्ली: भारत में देशी और क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक अनोखा कदम उठाने जा रही है। दिन भर लोग मोबाइल पर लगे रहते है और इससे बेहतर विकल्प सरकार के पास नहीं था। अब एक मई से बिकने वाले सभी मोबाइल पर देशी और क्षेत्रीय भाषा को रखना जरूरी होगा। सरकार की ओर से कहा गया है कि मोबाइल कंपनी को ऐसा करना जरूरी है और अगर वो ऐसा नहीं करते है तो उनके ऊपर जुर्माना लगाया जाएगा। बता दे कि सरकार के फैसले को मानने के लिए मोबाइल कंपनियां पिछले दो साल से बहाने बना रही है।

सरकार ने उनकी अब बहाना ना सुनते हुए मोबाइल निर्माता कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (आईटी) ने अगले महीने की पहली तारीख अंतिम तिथि के तौर पर तय की है। आईटी मंत्रालय के मुताबिक सरकार अब क्षेत्रीय भाषा नियम को लागू करने में कोई ढील नहीं देगी। इस फैसले को लागू करने के पीछे ये कहा जा रहा है कि मोबाइल में क्षेत्रीय भाषा नहीं होने से उपभोक्ताओं तक सभी सरकारी सेवाओं की जानकारी नहीं पहुंच रही है। इसी वजह से मंत्रालय ने इस बार क्षेत्रीय भाषा नियम को अनिवार्य तौर पर लागू करने का आदेश जारी किया। साथ ही स्पष्ट किया कि उद्योग जगत की परेशानियों के मद्देनजर नियम को लागू करने की तिथि को बढ़ाया गया।

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मोबाइल में क्षेत्रीय भाषा नियम तय करते वक्त उद्योग जगत की राय भी ली गई थी। तब सरकार और उद्योग जगत इस पर एकमत हुए थे कि अंग्रेजी नहीं बोलने वाले लोगों को मोबाइल में क्षेत्रीय भाषा मुहैया कराने से ई-गवर्नेंस लेनदेन और ई-कॉमर्स व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। इससे अंग्रेजी नहीं बोलने वाले कई करोड़ लोगों से सीधे सरकार को जुड़ने का मौका भी मिलेगा।

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