हल्द्वानी: पैराग्लाइडिंग से जुड़ी एक दुर्घटना ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। अब पर्यटन विभाग ने भीमताल में हुए इस हादसे की सुध लेते हुए कड़ी कार्यवाही की ओर कदम उठा लिए हैं। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ के द्वारा उत्तराखंड शासन को पत्र लिखा गया है। जिसमें यह मांग की गई है कि संबंधित पैराग्लाइडिंग साइट की अनुमति निरस्त की जाए।
दरअसल भीमताल में गुरुवार को पैराग्लाइडिंग टेक-ऑफ के दौरान एक हादसे में युवक के हाथ-पांव टूट गए। जिसके बाद उसे गंभीर हालत में पहले हल्द्वानी, फिर ऋषिकेश के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं उसका इलाज चल रहा है। बहरहाल, जानकारी के अनुसार पुलिस को अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।
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भीमताल में पर्यटकों को पैराग्लाइडिंग और कई अन्य तरह की साहसिक गतिविधियां रोमांचित करती हैं। लेकिन क्या इन गतिविधियों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। इस सवाल के जवाब मिलना फिलहाल मुश्किल हो रहा है। पैराग्लाइडिंग टेक-ऑफ के दौरान हुए हादसे से साइट के प्रबंधकों पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि भीमताल में चेकिंग के दौरान तो इन सभी साइटों पर इंतजाम पुख्ता दिखाए जाते हैं, नए पैराशूट दिखाए जाते हैं। मगर असलियत में यह लोग पुराने पैराशूट ही इस्तेमाल में लाते हैं।
जिला पर्यटन अधिकारी के अनुसार विभाग द्वारा बनाए नियमों को माने तो 100 घंटे का अनुभव रखने वाले पायलट को ही उड़ान भरने की परमिशन है। इसके अलावा रैंडम उड़ान में भी पायलट को 50 किमी हवाई दूरी का अनुभव होना ज़रूरी है। लेकिन भीमताल में भीड़-भाड़ के बीच सब नियमों की धज्जियां उड़ा दी जाती हैं। बताया कि कम अनुभवी पायलटों को भी उड़ने की परमिशन प्रबंधकों द्वारा दी जाती है।
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इस खेल की देख रेख की जिम्मेदारी जिस अधिकारी की होनी चाहिए वहीं जनपद में तैनात नहीं है। इसी वजह से सभी साइट प्रबंधक मनमर्जी से नियमों को तोड़ मरोड़ देते हैं। जिससे हादसे होने का खतरा रहता है।
जिला पर्यटन अधिकारी नैनीताल अरविंद गौड़ ने बताया कि नियम के मुताबिक भीमताल में पैराग्लाइडिंग में उड़ान के दौरान हुई घटना की जानकारी घटना के तुरंत बाद साइट स्वामी को थाने या फिर प्रशासन को देनी चाहिए था। जो कि उसने नहीं दी। उन्होने बताया कि इसके अलावा भी कई तरह के नियमों का लांघा जा रहा है। फिलहाल दुर्घटना वाली साइट की अनुमति निरस्त करने के लिए शासन को लिख दिया गया है।