नई दिल्ली :कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के बीच मंत्रिमंडल विस्तार के फार्मूले लगभग तैयार हैं, लेकिन असली पेंच उपमुख्यमंत्री को लेकर फंसा है। कांग्रेस चाहती है कि संतुलन बनाए रखने के लिए दो उपमुख्यमंत्री पार्टी के हों लेकिन जदएस ने इस प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। साझा सरकार में दलित और मुस्लिमों की जानकारी के मुताबीक आज कांग्रेस -जेडीएस विधायको के साथ बंगलूरु में बैठक होने जा रही है। इस बैठक के बाद कुमार स्वामी कैबिनेट का सस्पेंस खत्म हो सकता हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि उपमुख्यमंत्री की दो पद हों लेकिन जदएस इससे वाकिफ नहीं रखती है। चूंकि कांग्रेस के पास ज्यादा विधायक हैं इसलिए उसे कैबिनेट में ज्यादा पद मिल सकते हैं। अगर सीएम और उपमुख्यमंत्री का एक पद जेडीएस को मिलता है तो कांग्रेस को स्पीकर का पद चाहिए। कांग्रेस के डिप्टी सीएम के रूप में दलित चेहरे जी परमेश्वर का नाम सामने आ रहा है। परमेश्वर इस समय कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह साल 2013 में सीएम बनने से चूक गए थे।
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कुमारस्वामी ने भरोसा जताया कि सभी चीजें आपसी सहमति से तय हो जाएंगी। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि आधिकारिक बातचीत की बात सार्वजनिक होने से विवाद पैदा हो सकता है। इससे कांग्रेस और जेदीएस गठबंधन पर बुरा असर पड़ सकता है।
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सोमवार को एचडी कुमारस्वामी ने सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान तीनों नेताओं ने कर्नाटक में मंत्रिमंडल गठन और दोनों पार्टियों के बीच पोर्टफोलियो बंटवारे पर चर्चा की। राहुल गांधी के तुगलकाबाद स्थित आवास पर हुई बैठक में मंत्रिमंडल गठन पर 20 मिनट चर्चा हुई।
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राहुल गांधी ने कुमार स्वामी से पहले पार्टी के बडे नेताओ से मुलाकात कि और कर्नाटक के राजनीतिकारो अशोक गहलोत, गुलाब नबी आजाद और राज्य के प्रभारी केसी वेणुगोपाल के साथ भी मुलाकात के साथ बैठक कर सरकार में कांग्रेस की भूमिका एक खाका खींचा हैं।