नई दिल्ली: CBSE ने हाईस्कूल और इंटर के नतीजे जारी कर दिए हैं। देशभर से बच्चों की कामयाबी की कई कहानियां सामने आई जिसने समाज के सामने मिसाल पेश की। एक ऐसी काहनी गाजियाबाद से सामने आ रही है। जहां पिता और भाई की मौत के बाद बेटी ने परीक्षा दी और वहां से आने के बाद उन्हें मुखाग्नि दी। उस बच्ची ने 10वीं की परीक्षा 92.4 फीसदी अंक लेकर दूसरों के लिए मिसाल कायम की है। 6 मार्च की देर रात को शास्त्री नगर पेट्रोल पंप के पास एक वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी थी। इससे बाइक पर सवार पिता और पुत्र की दर्दनाक मौत हो गई थी।
43 वर्षीय रविंद्र सागर अपने पुत्र गर्वित (10) और पुत्री टीया के साथ अवंतिका जेपीवी अपार्टमेंट में रहते थे। रविंद्र अपने घर के बाहर ही क्रॉकरी की दुकान चलाते थे। 6 मार्च को गर्वित (10 साल) का छठी क्लास का रिजल्ट आया था, जिसमें उसे दूसरा स्थान मिला था। उसने पिता ने पार्टी के लिए कहा जिसके बाद रात को रविंद्र गर्वित के साथ होटल से खाना लेने के लिए गए थे। लौटते वक्त शास्त्री नगर पेट्रोल पंप के पास एक तेज गति से आ रहे वाहन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में रविंद्र की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गर्वित के दोनों पैर कट गए थे। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। अगले दिन 7 मार्च को टीया का गणित का पेपर था। उसने एग्जाम देने के बाद पिता और भाई को मुखाग्नि दी थी।
6 मई (सोमवार) को सीबीएसई बोर्ड का 10वीं का रिजल्ट घोषित हुआ तो टीया और उसके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आखिर उसकी मेहनत रंग लाई। टीया ने बिना ट्यूशन के ही 92.4 फीसदी अंक हासिल किए। टीया ने अपनी कामयाबी पिता व भाई को समर्पित की है। उनका कहना है कि वह पिता का सपना पूरा करने के लिए और मेहनत करेंगी। उनके पिता चाहते थे कि डॉक्टर बनें। टीया ब्राइटलैंड स्कूल गोविंदपुरम में पढ़ती हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय मां रीना सागर और दादी लक्ष्मी देवी के साथ ही स्कूल की टीचरों को दिया। उनका कहना है कि इन्होंने बुरी स्थिति में उसका हौसला नहीं डगमगाने दिया। टीया ने कहा कि हालात कितने भी बुरे क्यों न हों, उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए।