नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के डोगरी नाले में हिमखंड में दबे निरमंड के शहीद विदेश को नम आंखों से सैकड़ो लोगों ने विदाई दी। शहीद की पत्नी निंटा ने लाल जोड़ा पहनकर सलामी देकर विदा किया। हर किसी कोई गम में जरूर था लेकिन उन्हें गर्व का था कि विदेश का जिंदगी देश सेवा में काम आई।
शहीद विदेश को अंतिम विदाई देने के लिए सुबह से ही खरगा पंचायत के थरूआ गांव में स्थित उनके घर पर सैकड़ों लोग पहुंचे। करीब साढ़े नौ बजे तिरंगे में लिपटकर विदेश का पार्थिव शरीर घर पहुंचा। पति का शव देखकर पत्नी निंटा बेसुध हो गईं। ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने किसी तरह निंटा को संभाला।
इसके बाद करीब साढ़े दस बजे शहीद विदेश की अंतिम यात्रा शुरू हुई। इससे पहले इनकी पत्नी निंटा ने शादी का लाल जोड़ा पहनकर विदेश को अंतिम विदाई दी। इस मौके पर पूरा गवां विदेश आप अमर रहें… भारत मां की जय… नारों से गूंज उठा। उनका अंतिम संस्कार शमशानघाट में किया गया। वहीं प्रशासन के बड़े अधिकारी भी विदेश को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उनके पिता ईश्वर ने मुखाग्नि दी। बता दें कि इससे पहले शहीद विदेश का शव वीरवार को पूह से सेना के वाहन में झाकड़ी तक पहुंचाया गया।
शुक्रवार सुबह झाकड़ी से शहीद का शव उनके पैतृक गांव थरूआ पहुंचाया गया। यहां शहीद के शव को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। पिता ईश्वर ठाकुर ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। विदेश की शादी 7 साल पहले हुई थी लेकिन उनकी कोई कोई संतान नहीं है। विदेश 20 फरवरी को सेना के छह जवानों के साथ हिमंखड में दब गए थे। विदेश के चाचा सुरेश कुमार 7 डोगरा रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए हैं।बडे़ भाई दिनेश कुमार महार रेजिमेंट 6 बटालियन सियाचिन पर तैनात थे। वहां से एक माह पहले सेवानिवृत्त हुए हैं