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निर्भया केस: आरोपी विनय की बचने की एक और चाल, जेल की दीवार पर सिर पटका


नई दिल्ली: पटियाला हाउस काेर्ट ने निर्भया केस के आरोपियों का 17 फरवरी को तीसरा डेथ वॉरंट जारी किया था। इसके मुताबिक विनय, मुकेश, अक्षय और पवन काे 3 मार्च को फांसी देने की तारीख तय की गई है। विनय की दया याचिका ठुकराने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है।

तीसरी बार डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों पर मौत का खौफ हावी हो गया है। एक दोषी विनय ने घबराहट में सेल की दीवार पर पटककर अपना सिर चोटिल कर लिया। समय रहते सुरक्षाकर्मी ने उसकी सेल में घुसकर उसे रोक लिया।

विनय को प्राथमिक इलाज के बाद फिर से सेल में बंद कर दिया गया है। जेल प्रशासन का कहना है कि उसे मामूली चोट लगी है। अब दोषियों की सेल के सामने अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को तैनात कर उनकी चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही उनकी लगातार काउंसलिंग भी की जा रही है। 

जेल सूत्रों का कहना है कि इन दिनों चारों दोषियों के स्वभाव में आक्रामकता पहले से बढ़ गई है। उन्हें मामूली बात पर गुस्सा आ रहा है। हालांकि वे किसी से ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन सेल में ही वे लगातार अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। मंगलवार को विनय अपनी सेल की दीवार पर अचानक सिर पटकने लगा। यह देखकर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी तुरंत उसकी सेल में घुसे और उस पर काबू पाया।

घटना की जानकारी मिलने के बाद जेल में अफरा-तफरी फैल गई। विनय का तुरंत जेल के अस्पताल में इलाज कराया गया। जेल अधिकारियों का कहना है कि विनय को ज्यादा चोट नहीं लगी है। जेल प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी की तैनाती के साथ ऐसी स्थिति से निपटने के लिए दोषियों की सेल में अलार्म लगाया है।

जेल सूत्रों का कहना है कि विनय के साथ-साथ तीन अन्य दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय की सेल के बाहर भी अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया है। वे दोषियों पर सिर्फ नजर रखेंगे। साथ ही, दोषियों को सामान्य रखने के लिए उनकी लगातार काउंसलिंग की जा रही है। उन पर सीसीटीवी की निगरानी भी बढ़ा दी गई है।

वकील एपी सिंह ने गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दायर की। इसमें विनय ने खुद को मानसिक बीमार और सिजोफ्रेनिया से पीड़ित बताया है। वकील ने कोर्ट को बताया कि बुधवार को तिहाड़ में मीटिंग के लिए गए तो विनय अपनी मां और वकील तक को नहीं पहचान सका। पिछली सुनवाई में वकील ने कहा था कि विनय भूख हड़ताल पर है और उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।

विनय ने अर्जी में यह भी कहा है कि उसके सिर में गंभीर चोट और दाएं हाथ में फ्रैक्चर है। इसलिए उच्चस्तरीय चिकित्सा जांच के लिए आईएचबीएएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाए। वकील ने इसके लिए तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश जारी करने की मांग की। इस पर कोर्ट ने जेल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी।

फांसी से बचने के लिए दोषी नित नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी सिलसिले में दोषी विनय ने एक नया हथकंडा अपनाया है। जब उसे सुप्रीम कोर्ट से लेकर राष्ट्रपति तक सबसे निराशा हाथ लगी तो उसने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।

विनय के वकील एपी सिंह ने बताया कि उन्होंने विनय की तरफ से आज (20 फरवरी) ही एक याचिका चुनाव आयोग में डाली है। इसमें उन्होंने कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश भेजी थी, तो वो ना तो मंत्री थे और ना ही विधायक। एपी सिंह ने बताया कि जैन ने 29 जनवरी को ये याचिका भेजी थी तब दिल्ली में आचार संहिता लागू थी।

एपी सिंह ने बताया कि सत्येंद्र जैन ने अपना हस्ताक्षर व्हाट्सएप के जरिए 30 जनवरी को भेजा था। इसी को आधार बनाते हुए अर्जी में कहा गया है कि ऐसे में दया याचिका खारिज करना गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ है, क्योंकि उस समय दिल्ली में आचार संहिता लागू थी। इसी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से इस पर कानूनी संज्ञान लेने की मांग की गई है।

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