नई दिल्ली:पिछले 7 दिनों से जिंदगी और मौत से जूझ रहे अटाली गांव के पैरा कमांडो नायक हवलदार संदीप जिंदगी की जंग हार गए हैं। एक सप्ताह पहले संदीप और उनके तीन साथियों की पुलवामा में आतंकवादियों से आमने-सामने की मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक साथी मौके पर ही शहीद हो गया था। जबकि संदीप और उसका एक साथी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। संदीप का इलाज श्रीनगर के आर्मी बेस अस्पताल में चल रहा था। इस मुठभेड़ में उन्हें चार गोलियां लगी थीं, वह वेंटिलेटर पर थे।
वह टैन पैरा फोर्स के जवान थे। इस घटना के बाद से शहीद संदीप का पूरा परिवार और गांव शोक में डूब गया है। इतने दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे संदीप ने आज आखरी सांस ली। वह देश के लिए शहीद हो गए। उनके गांव में सिर्फ उनका भाई है। बाकी परिजन जम्मू बेस अस्पताल गए हुए हैं।
बल्लभगढ़ के गांव अटाली में रहने वाले संदीप के पिता नयनपाल ने बताया था कि संदीप की पोस्टिंग श्रीनगर में थी। आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में वह 11 फरवरी को घायल हुए थे। उन्हें अपने बेटे के घायल होने की सूचना न्यूज के माध्यम से मिली थी। संदीप को 4 गोलियां लगी थीं। मुठभेड़ के दौरान कुछ लोगों ने उनकी टीम पर पत्थर भी फैंके, जिसके चलते उन्हें गोलियां लग गईं।
संदीप की सलामती के लिए उनके गांव के लोग दुआएं कर रहे थे। 33 साल के संदीप साल 2005 से सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 8 साल पहले गांव दयालपुर की गीता से उनकी शादी हुई थी। अब उनके 3 बच्चे हैं, जिसमें एक 6 साल की बेटी और दो ढाई साल के बेटे हैं। दोनों बेटे जुड़वा पैदा हुए थे।