नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भारतीय जनका पार्टी से नाराजगी के चलते नाता तोड़ दिया है। उन्होंने निवार को यहां राष्ट्र मंच के अधिवेशन में पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मैंने राजनीति का मैदान 4 साल पहले ही छोड़ दिया था। मैं आज भाजपा से सभी प्रकार के संबंध तोड़ता हूं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज देश कालोकतंत्र खतरे में है। बता दे कि यशवंत सिन्हा भाजपा से काफी लंबे से वक्त से नाराज चल रहे है। उन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी का विरोध भी किया था। इसके अलावा उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि देश की आर्थिक व्यवस्था खतरे में है। और जीएसटी लागू करने का फैसला बिल्कुल गलत है।
यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 में पटना में हुआ था। 1998 में वे पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। झारखंड के हजारीबाग से सांसद रह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर (1990 से 1991) की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे। 1998-2002 में वे वित्त मंत्री और 2002-04 में विदेश मंत्री रह चुके हैं। उनके बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हैं।
इस इस्तीफे के साथ उन्होंने कहा कि जो आज देश की स्थिति है उसपर विचार करने की जरूरत है। बता दें कि यशवंत सिन्हा ने साल के शुरू में राष्ट्र मंच की शुरुआत की थी। इसमें वे लोग शामिल हैं, जो देश के मौजूदा हालात को खराब मानते हैं और उससे खुश नहीं हैं। इसे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करने के रूप में भी देखा जा रहा है।