
Uttarakhand: Almora: उत्तराखंड की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। चाहे शिक्षा हो, खेल हो या रोजगार, महिलाएं अब पुरुषों के बराबर खड़ी होकर नए अवसरों को अपनी मेहनत और लगन से हासिल कर रही हैं। इसी कड़ी में अल्मोड़ा जिले की निहारिका बिष्ट का नाम तेजी से चर्चा में है, जिन्होंने एक ऐसे क्षेत्र को चुना है जहां अधिकतर पुरुष ही सक्रिय दिखाई देते हैं और वो है मोबाइल रिपेयरिंग।
अल्मोड़ा के मटेला गांव, कोसी की रहने वाली निहारिका बिष्ट वर्तमान में मोबाइल रिपेयरिंग का काम करती हैं। उन्होंने हवालबाग इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट और एसएसजे कॉलेज अल्मोड़ा से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। निहारिका के पिता मोबाइल रिपेयरिंग का काम करते थे। पिता को बचपन से काम करते देख उन्होंने इस क्षेत्र में दिलचस्पी लेना शुरू किया। हालांकि कुछ साल बाद उनके पिता का निधन हो गया, लेकिन निहारिका ने हिम्मत नहीं हारी और स्वयं मेहनत कर इस काम में दक्षता हासिल की।
बिना किसी प्रोफेशनल कोर्स के निहारिका साल 2016 से मोबाइल रिपेयरिंग का काम कर रही हैं। उन्होंने धीरे-धीरे स्क्रीन बदलने, बैटरी की खराबी दूर करने और अन्य तकनीकी समस्याओं को सुलझाना सीख लिया। आज वह आधे से ज्यादा तकनीकी काम अकेले करने में सक्षम हैं।
उनकी अपनी दुकान कोसी बाजार में है, जो अल्मोड़ा से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। निहारिका बताती हैं कि मोबाइल रिपेयरिंग अब केवल पुरुषों का क्षेत्र नहीं रहा। यदि महिलाएं चाहें तो इस काम को सीखकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। उनका मानना है कि यह रोजगार का एक मजबूत विकल्प साबित हो सकता है, खासकर उन युवतियों के लिए जो किसी नए कौशल को अपनाना चाहती हैं।
निहारिका का हुनर अब सोशल मीडिया पर भी छा रहा है। उनके वीडियो और पोस्ट्स में लोग साफ देख सकते हैं कि वह किस तरह तकनीकी समस्याओं का समाधान करती हैं। स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन दर्शक भी उनके काम की सराहना कर रहे हैं। निहारिका बिष्ट न केवल अल्मोड़ा की, बल्कि पूरे उत्तराखंड की उन बेटियों में शुमार हो गई हैं, जो समाज में महिलाओं के लिए नई प्रेरणा बन रही हैं।






