देहरादून: प्रदूषण और कोविड 19 के खतरे को देखते हुए इस साल दिवाली में पटाखों को लेकर एनजीटी सख्त हैं। उसने पूरे देश में दिवाली के मौके पर पटाखें जलाने को लेकर गाइडलाइन जारी की है। उत्तराखंड में इस गाइलाइन को लागू किया गया है। राज्य के 6 शहरों को उस लिस्ट में शामिल किया गया है, जहां पर नियमों के अनुसार पटाखें जलाए जाएंगे। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग की ओर से जारी गाइलाइन के अनुसार हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर और ऋषिकेश में केवल 2 घंटे के लिए पटाखे जलाए जाएंगे।
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दीपावली और गुरुपर्व पर रात आठ बजे से 10 बजे और छठ पूजा पर भी आठ से 10 बजे तक केवल दो घंटे ही ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे। वही नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। दिवाली के अवसर पर पटाखें जलाने का ट्रेंड सालों से हैं। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब एनजीटी इन गतिविधियों पर गंभीरता से नजर बनाए हुए है। देशभर में वायु प्रदूषण के चलते खराब हो रही हवा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने बड़ा फैसला लिया है। एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखे की ब्रिकी-इस्तेमाल पर आज रात से 30 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया है।
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बात उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की करें तो राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दो और नए मॉनिटरिंग (घंटाघर और नेहरू कॉलोनी) स्टेशन खोले हैं। देहरादून में अब 5 मॉनिटरिंग स्टेशन हो गए हैं और इनसे प्रदूषण पर बोर्ड नजर बनाए रखेगा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण अभियंता डॉ. अंकुर कंसल ने बताया कि घंटाघर और नेहरू कॉलोनी के अलावा आईएसबीटी, राजपुर जैसे इलाकों में भी प्रदूषण की निगरानी की जा रही है।
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