हल्द्वानी: प्रकृति जब कहर बरसाती है तो इससे अच्छे अच्छे निपट नहीं पाते। इस बार कुमाऊं मंडल में प्रकृति ने बीते तीन दिनों में अपना रौद्र रूप दिखा दिया। तीन दिनों की लगातार बारिश ने हर किसी को हर तरह से प्रभावित किया है। हल्द्वानी में गौला पुल टूटने से सबसे ज्यादा नुकसान यात्रियों को हुआ है। अब हल्द्वानी आने के लिए यात्रियों को 20 किमी का अधिक सफऱ तय करना पड़ेगा।
दरअसल सोमवार को तेज बारिश के बाद मंगलवार का दिन खौफनाक मंजर अपने साथ लेकर आया। हल्द्वानी की सुबह ही खराब तरह से शुरू हुई। तड़के सुबह इंदिरानगर बाइपास स्थित पुल का संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गया। 30 मीटर लंबा व 25 मीटर गहरा हिस्सा टूटकर नदी में समा गया।
इसके बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर बैरिकेड लगाकर पुल को बंद कर दिया। आसपास बहुत लोगों की भीड़ जमा हो गई। जिन्हें वहां से हटाना भी काफी मेहनत भरा काम रहा। बहरहाल गौला पुल के ठीक होने में अभी समय लगेगा। एनएचएआइ की तरफ से कहा गया है कि अगर मौसम सही रहता है तो इसके निर्माण में कम से कम 15 दिन का समय लगेगा।
आपको बता दें कि चोरगलिया और गौलापार के लोग हल्द्वानी आने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते थे। साथ ही रोडवेज की बसें भी खटीमा, चंपावत या पहाड़ से (वाया चोरगलिया) हल्द्वानी के लिए यहीं से आवाजाही करती थी। अब इनके अलावा मंडी व ट्रांसपोर्ट नगर से माल भर पहाड़ निकलने वाली गाडियों को भी मार्ग बंद होने से दिक्कत होगी।
ऐसा इसलिए क्योंकि पहले वह नो एंट्री खुलने का इंतजार करने की बजाय इसी रास्ते से पहाड़ को निकल जाती थी। मगर अब शहर में घुसने के लिए नो एंट्री (सुबह नौ बजे से रात नौ बजे) खुलने का इंतजार करना पड़ेगा। वहीं, रोडवेज की सितारगंज-खटीमा मार्ग की बस को भी किच्छा होकर जाना पड़ेगा।
निजी वाहनों से खटीमा से हल्द्वानी (वाया चोरगलिया) आने वाले यात्रियों को काफी मुसीबत होगी। अब उन्हें शहर में एंट्री करने के लिए तकरीबन 20 किमी अधिक सफर करना पड़ेगा। गौरतलब है कि अब यात्रियों को गौला पुल की बजाय काठगोदाम के रास्ते हल्द्वानी की तरफ आना पड़ेगा। आज मौसम साफ है इसलिए देखना होगा कि गौला पुल के निर्माण का काम कब से शुरू होता है।