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नीट-जेईई परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए विपक्ष खटखटाएगा न्यायालय का दरवाजा


नई दिल्ली: नीट और जेईई की परीक्षा सितंबर माह में आयोजित कराने का केंद्र सरकार की ओर से फैसला लिया गया है। कोरोना महामारी के बढ़ते मामले के कारण सात राज्यो के विपक्ष सरकार के मुख्यमंत्रियों ने इस फैसले को निरस्त करने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

कांग्रेस पार्टी की डिजिटल बैठक में अनेक राज्यो के मुख्यमंत्री शामिल हुए और परीक्षाओं को टालने के मुद्दे पर अपने तर्क दिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तर्णमुल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने परीक्षा स्थगित कराने के फैसले का समर्थन किया है।

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आपको बता दे की झारखंड के मुक्ति मोर्चा के नेता हेमन्त सोरेन व झारखंड के मुख्यमंत्री ने विपक्ष मुख्यमंत्रियों को सुझाव देते हुए कहा है कि पहले आप परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करे और बातचीत करे।

इस मुद्दे पर अनेक राज्यो के मुख्यमंत्रियों ने अपने तर्क दिए और केंद्र सरकार पर तंज कसा है पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सितंबर में कोरोना के मामलों में इजाफा हो सकता है और ऐसी महामारी के संकट में परीक्षा कैसे आयोजित होगी।

महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि कोरोना महामारी अभी भी फ़ैल रही है और जिससे दिन प्रतिदिन संकट बढ़ता जा रहा है ऐसे में परीक्षा कैसे कराई जाएगी। और अन्य राज्यो के मुख्यमंत्रियों ने इस फैसला का समर्थन करते हुए उच्च न्यायालय जाने का फैसला लिया है।

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दिल्ली आम आदमी पार्टी के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे का समर्थन और सुझाव देते हुए कहा है कि कई बड़े नेताओं को भी कोरोना महामारी ने अपनी चपेट में लिया है ऐसे में परीक्षा केंद्र में कैसे 28 लाख विद्यार्थियों को भेजा जाएगा और कैसे यह सुनिशचित किया जाएगा कि इन विद्यार्थियों को कोरोना महामारी की चपेट में आने से रोका जाएगा सिसोदिया ने यह भी कहा है कि विद्यार्थियों के चयन के लिए केंद्र सरकार वैकल्पिक व्यवस्था पर जोर दे व इसी व्यवस्था पर काम करे।

एम के स्टालिन द्रमुक के मुखिया ने भी इस मुद्दे का समर्थन करते हुए कहा है कि तमिलनाडु सरकार को भी उच्च न्यायालय के पास जाना चाहिए।

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